झारखंडः दुमका में मंत्री के घर के बाहर धरना पर बैठे पारा शिक्षक की संदेहास्पद मौत
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झारखंडः दुमका में मंत्री के घर के बाहर धरना पर बैठे पारा शिक्षक की संदेहास्पद मौत

झारखंड के दुमका जिले के रामगढ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चीनाडंगाल गांव के पारा शिक्षक की संदेहास्पद मौत हो गई.

दुमका में धरना दे रहे पारा शिक्षक की मौत हो गई.

दुमकाः झारखंड के दुमका जिले के रामगढ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चीनाडंगाल गांव के पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत उस वक्त हो गयी, जब वे अपने कुछ साथियों के साथ बेमियादी धरना में शामिल थे. पारा शिक्षकों का स्थायी करने की मांग को लेकर समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी के निजी आवास के सामने 22 दिनों से घेरा डालो डेरा डाला आंदोलन चल रहा है. जिसमें पारा शिक्षक कंचन दास भी शामिल थे. लेकिन उनकी मौत हो गई.

दरअसल, बीती रात के करीब दस बजे के करीब दुमका के हथियापाथर स्थित समाज कल्याण मंत्री के निजी आवास के सामने चल रहे धरना में शरीक हुए थे. रात में कंचन दास पारा शिक्षक वहीं सो गए थे, सुबह सात बजे के करीब सभी साथी उठ गए तो उसे सोया हुआ देखा और उसका पूरा शरीर अकड़ा हुआ था. धरना में बैठे पारा शिक्षकों ने 108 में कॉल कर एम्बुलेंस मंगवाया और आनन फानन में उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया कंचन का पूरा शरीर अकड़ा हुआ था और नाक से खून निकल रहा था.

दुमका सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ दिलीप कुमार भगत ने बताया कि उक्त पारा शिक्षक को जब अस्पताल लाया गया, तो उसकी मौत हो चुकी थी. मौत की वजह का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही हो पायेगा.  

समाज कल्याण मंत्री मंत्री डॉ लोईस मरांडी के आवास के बाहर धरना दे रहे पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की मौत के बाद पारा शिक्षक संघ के द्वारा 25 लाख रुपये मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की गई है. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राज्य स्तरीय सदस्य मोहन मंडल का कहना है कि काफी दुखद घटना है और मृतक के परिवार वाले को अविलंब 25 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए. 

राजमहल के सांसद विजय हांसदा पारा शिक्षकों के प्रति समर्थन जताने के लिए दुमका के यज्ञ मैदान पहुंचे. सांसद विजय हांसदा ने शिक्षक के शव को कांधा दिया और मृतक के पिता को हिम्मत देते दिखे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद विजय हांसदा ने कहा कि रघुवर दास सरकार और उनके मंत्री संवेदनहीन हो गये हैं. एक मंत्री के घर के बाहर एक पारा शिक्षक की मृत्यु हो गयी, लेकिन किसी ने उसे दाना-पानी नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया दर्शाता है कि वह लोगों के बारे में क्या सोचती है. उसकी मनोदशा क्या है.

वहीं दुमका अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि पारा शिक्षक संघ द्वारा किसी तरह की विधि वयवस्था भांग ना हो इसको लेकर वार्ता की गई है और पोस्टमार्टम कराया गया है। पारा शिक्षक संघ से जिला प्रशासन को सहयोग भी मिला है.

बहरहाल समाज कल्याण मंत्री के घर के बाहर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है, भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. जिला प्रशसन और पारा शिक्षक संघ के बीच वार्ता के बाद पारा शिक्षक कंचन दास को श्रद्धांजलि देने के लिए यज्ञ मैदान उसके शव को लाया गया. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि पारा शिक्षक कंचन दास के मौत के क्या वजह है.