मांझी-नीतीश के बीच बातचीत के बाद ‘मतभेद’ खत्म
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मांझी-नीतीश के बीच बातचीत के बाद ‘मतभेद’ खत्म

बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कुछ बयानों से उनके और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच का कथित ‘मतभेद’ शुक्रवार रात हुई उनकी मुलाकात और बातचीत के बाद खत्म हो गया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शनिवार को कहा कि मांझी के हाल के कुछ बयानों से उत्पन्न ‘मतभेद’ दोनों की मुलाकात और बातचीत के बाद खत्म हो गया।

मांझी-नीतीश के बीच बातचीत के बाद ‘मतभेद’ खत्म

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कुछ बयानों से उनके और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच का कथित ‘मतभेद’ शुक्रवार रात हुई उनकी मुलाकात और बातचीत के बाद खत्म हो गया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शनिवार को कहा कि मांझी के हाल के कुछ बयानों से उत्पन्न ‘मतभेद’ दोनों की मुलाकात और बातचीत के बाद खत्म हो गया।

उन्होंने बताया कि नीतीश ने मुख्यमंत्री को अपने दायित्वों का निर्वहन अधिक ‘सजग और सावधान’ होकर करने का सुझाव दिया, ताकि किसी प्रकार का भ्रम पैदा नहीं हो और भाजपा को उसका राजनीतिक लाभ लेने का मौका नहीं मिल पाये।

गत छह नवंबर को आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की उपस्थिति के बावजूद पांच मंत्रियों की अनुपस्थिति और मौजूदा मुख्यमंत्री तथा पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच ‘मतभेद’ की चर्चाओं के बीच शुक्रवार को मांझी ने नीतीश के आवास जाकर उनसे मुलाकात की थी।

यह पूछे जाने पर क्या मांझी आगामी 13 नवंबर से नीतीश की शुरू हो रही ‘संपर्क यात्रा’ में शामिल होंगे, उन्होंने कहा कि अगर वह व्यस्त सरकारी कार्यक्रमों में से समय निकालकर शामिल होना चाहेंगे तो वह स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि मांझी सर्वसम्मत नेता हैं और उन्हें नीतीश की पहल पर मुख्यमंत्री बनाया गया।

वशिष्ठ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग इसको लेकर अपनी रोटी सेंक रहे थे, उनका भी पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने भाजपा को अपना घर संभालने की नसीहत दी और कहा कि वे जदयू के ‘मतभेद’ को बडे पैमाने पर प्रचारित करना चाहते थे , लेकिन उनके मंसूबे पर पानी फिर गया है।

राजग के एक नेता ने जदयू के ‘मतभेद’ खत्म होने के दावे को स्वीकार करने से इंकार करते हुए नीतीश पर मांझी का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया है। केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने नीतीश पर आरोप लगाया, कि वह ‘मुख्यमंत्री को इतना अपमानित कर रहे हैं कि कोई भी अन्य मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता उनके कार्यक्रम में जाने से डर रहे हैं।’

पासवान ने आज पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा ‘यह कौन सी राजनीति कर रहे हैं नीतीश कुमार। यदि उन्हें उनको (मांझी को) हटाना (मुख्यमंत्री पद से) है तो हटा दें और अगर रखना है तो उन्हें इज्जत के साथ रहने दें।’ केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘जब एक महादलित को राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी तो हम लोगों को खुशी हुई थी, लेकिन जिस प्रकार से उन्हें ‘अपमानित ’ किया जा रहा है ,उसके लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार दिख रहे हैं।’

कुशवाहा ने इसे दलितों का अपमान बताया और आरोप लगाया कि नीतीश कुमार का ऐसा ही रवैया रहा है। इस बीच टेक्नोलाजी पार्क को लेकर आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मांझी और भाजपा नेताओं के एक मंच पर दिखने से उनके बीच मेलजोल दिखा। इस अवसर पर मांझी, केंद्रीय कानून एवं दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी और बिहार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री शाहिद अली खान एक-दूसरे से मिले और उन्होंने राजनैतिक मतभेद को भुलाकर राज्य के विकास के बारे में बातें की।