बक्सर में सूखे पर सियासत, सिर्फ तीन प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने से किसान नाराज
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बक्सर में सूखे पर सियासत, सिर्फ तीन प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने से किसान नाराज

एक तरफ जंहा किसान दिन रात मेहनत करके किसी भी तरह अपनी फसल को बचाने में लगे हैं तो वहीं, विपक्षी पार्टियां अब सुखाड़ के बहाने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. 

 जिले में अब तक 35 प्रतिशत किसानों का फसल सूखे के कारण बर्बाद हो चुका है.

बक्सर: बिहार के बक्सर जिला में सूखे की हालात पर अब सियासत शुरू हो गई है. एक तरफ जहां किसान दिन रात मेहनत करके किसी भी तरह अपनी फसल को बचाने में लगे हैं तो वहीं, विपक्षी पार्टियां अब सुखाड़ के बहाने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. सूखे की मार झेल रहे किसानों का कहना है कि ना डीजल अनुदान मिल रहा है और न सरकार नहर में पानी दे रही है. 

लगान सरकार को समय से चाहिए लेकिन आज तक नहर डिपार्टमेंट के लोग एक बार भी देखने नहीं आए कि किसान मर रहे हैं या जिंदा हैं. घर मे रखे चावल को बेच-बेच कर डीजल खरीदकर किसी तरह से फसल को बचाया जा रहा है.

वहीं, किसानों की परेशानी को लेकर कांग्रेस के विधायक मुन्ना तिवारी उर्फ संजय तिवारी ने बताया कि लाख प्रयास करने के बाद भी किसानों के खेत तक पानी नही पहुंच पाया है. कुछ गांव तक नहर की पानी पहुंचा है. एक विधायक होने के नाते जितना प्रयास करना था हमने कर लिया लेकिन अभी भी सारे किसान के खेत मे पानी नहीं पहुचं पाया है. जिसके लिए सीधे सरकार दोषी है.

हम विपक्ष में होकर किसान की समस्या उठा रहे है लेकिन सरकार मौन साधी हुई है. आपको बता दें कि  बक्सर जिला में सूखे की भयंकर स्थिति होने के बाद भी 11 में से मात्र तीन प्रखंड को ही सूखाग्रस्त घोषित किये जाने से भी किसान नराज है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो बक्सर जिला में अब तक 35 प्रतिशत किसानों का फसल सूखे के कारण बर्बाद हो चुका है.