जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ चिल्लाने से जनता उनके झांसे में नहीं आने वाली है.
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रांची : झारखंड के गोमिया और सिल्ली उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है और राजनीतिक दलों के तेवर एक-दूसरे के लिए तल्ख होते जा रहे हैं. एक तरफ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर वार किया है वहीं, सरकार और बीजेपी ने झामुमो नेता को ही कठघरे में खड़ा कर दिया.
जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ चिल्लाने से जनता उनके झांसे में नहीं आने वाली है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रहमो करम पर मुख्यमंत्री बने हैं. वह तो मुखिया का चुनाव भी नहीं जीत पाते.
हेमंत सोरेन के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि बयान देने से पहले मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए. वह तो खुद शिबू सोरेन के रहमो करम पर टिके हुए हैं. सीपी सिंह ने कहा कि इस राज्य की विडंबना है कि बिना ग्रैजुएट नेता प्रतिपक्ष बने हुए हैं. उनके बयान से लगता है कि यह अशिक्षित होने का असर है.
सीपी सिंह ने कहा, 'हेमंत सोरेन खुद वार्ड सदस्य का चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं. सबसे बड़ी बात है कि दुमका जैसे सीट पर जेएमएम जिसको अपना गढ़ मानता है वहां एक साधारण महिला लुइस मरांडी ने उनको चुनाव हराया. मुख्यमंत्री पर एक उंगली उठाने से पहले उनकी चार उंगलियां खुद उन्हीं पर उठती हैं. वह गोमिया में कोयला माफिया के लिए प्रचार कर रहे हैं.'
बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भी हेमन्त सोरेन को घेरा और कहा कि उनके मुंह से ऐसा बयान शोभा नहीं देता. हेमंत सोरेन तो खुद मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारे हैं और हमारे मुख्यमंत्री पांच बार लगातार विधायक रह चुके हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर शब्दों का वार किया जा रहा है. इसका असर मतदाता पर कितना होता है यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.