बिहार के बगहा में हिन्दुओं ने मस्जिद बनवाकर पेश की एकता की मिसाल
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बिहार के बगहा में हिन्दुओं ने मस्जिद बनवाकर पेश की एकता की मिसाल

हिन्दू समुदाय के लोग मस्जिद निर्माण के लिए अपना सहयोग कर रहे हैं. 

बगहा में हिन्दू करवा रहे हैं मस्जिद का निर्माण. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

इमरान अजीज/बगहा : हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर राजनीति हावी है वहीं, दूसरी तरफ बिहार में ऐसा गांव भी है जो हिन्दू-मस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहा है. बिहार के बगहा का एक नहीं दो-दो गांवों ने हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की है. चंद मुस्लिम परिवार वाले इन गांवों के हिन्दुओं ने चंदा इकट्ठा कर और श्रमदान से मस्जिद का निर्माण करवा रहे हैं.

हिन्दू समुदाय के लोग मस्जिद निर्माण के लिए अपना सहयोग कर रहे हैं. रतवल गांव में नूरी मस्जिद निर्माण के लिए वर्ष 2012 में गांव के हिन्दू समुदाय के लोगों ने आधारशिला रखी, जो आज पूरा होने के कगार पर है. वहीं, बगहा के बांस गांव में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने मिलकर जामा मस्ज़िद की बुनियाद रखी है.

मस्जिद निर्माण में हिन्दू कर रहे हैं श्रमदान
बगहा के इन दो गावों में निर्माणाधीन दोनों मस्जिदों के निर्माण के लिए हिन्दुओं ने मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर पूरी ताकत झोंक दी है. पैसै भी दिए और श्रमदान भी. एकता की मिशाल पेश कर रहे इन गांवों में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग देश और दुनिया को पैगाम दे रहे हैं. यहां धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव नहीं है.

नमाज के लिए जाना पड़ता था दूर
कहा जाता है कि इन गावों में हिन्दुओं को काफी तकलीफ होती थी, जब मुसलमान नमाज अदा करने के लिए गांव से दो से तीन किलोमीटर दूर जाते थे. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि गांव में ही मस्जिद का निर्माण करवा दिया जाए, ताकि एक साथ मंदिरों में घंटी और मस्जिद में आजान गूंज सके.

अब जरूरत है देश का हर गांव-शहर में बगहा के रतवल और बांस गांव की तरह भाइचारे की मिसाल पेश हो. हिन्दु-मुसलमान का फर्क और भेदभाव छोड़कर आदमी खुद को इंसान समझे और इंसानियत की बात करे. साथ ही इंसानियत के नाम पर एक होकर आगे बढ़ने की पहल होनी चाहिए. विभिदताओं के देश में सभी धर्म और जातिके लोग हैं.