पुराने जनता परिवार के छह घटक दलों में शामिल राजद के इन दलों के विलय को सहमति प्रदान किए जाने के बाद बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू ने भी विलय की प्रक्रिया को हरी झंडी दिखाते हुए इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है।
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पटना : पुराने जनता परिवार के छह घटक दलों में शामिल राजद के इन दलों के विलय को सहमति प्रदान किए जाने के बाद बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू ने भी विलय की प्रक्रिया को हरी झंडी दिखाते हुए इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है।
जदयू द्वारा विलय को हरी झंडी बीती रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पटना स्थित आवास पर आयोजित बैठक के दौरान उसके विधायकों और सांसदों द्वारा दी गयी। संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने आज बताया कि जदयू के सभी विधायकों एवं सांसदों ने एक स्वर में विलय के लिए उठाए गए कदम का स्वागत किया तथा विलय की प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया।
नीतीश के विश्वस्त माने जाने वाले श्रवण ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भाजपा से मुकाबले के लिए इसकी आवश्यक्ता जताते हुए इस संबंध में अबतक प्रक्रिया कहां तक पहुंची इससे पार्टी विधायकों और सांसदों को अवगत कराया। बैठक में भाग ले रहे लोगों के मुख्यमंत्री से विलय की प्रक्रिया को तेज किए जाने के अनुरोध पर उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह को इसके लिए अधिकृत किया गया है और वे सभी घटक दलों के नेताओं से बातचीत कर उनकी उपलब्धता के अनुसार शीध्र ही इसके लिए बैठक बुलाएंगे।
विलय में शामिल छह दलों में नीतीश कुमार नीत जदयू, लालू प्रसाद की पार्टी राजद, समाजवादी पार्टी, ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी), पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा की पार्टी जनता दल (सेकुलर) और समाजवादी जनता पार्टी शामिल हैं। इस बीच पुराने जनता परिवार के विलय को लेकर प्रक्रिया में जदयू के बागी विधायक राजीव रंजन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक फैक्स भेजा है कि वे और कुछ अन्य विधायक इस विलय का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं और जदयू में ही बने रहना चाहते हैं।
नीतीश के गृह जिले नालंदा के इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समर्थक रंजन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को कल शाम भेजे गए एक फैक्स में विलय के बाद जदयू का चुनाव चिंह और झंडा इसी पार्टी के पास रहने देने का अनुरोध किया है।