झारखण्ड सीआईडी बीते कई महीनों से पुरे मामले की जांच कर रही थी. इसमें एटीएस की भी मदद ली जा रही थी.
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रांची : झारखंड में कुछ एनजीओ विदेशी फंडिंग का उपयोग धर्मांतरण और अन्य गलत कामों में करते हैं. इस बात की पुष्टि सीआईडी जांच में हो गई है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद जब झारखंड सीआईडी ने दस एनजीओ के फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत खुले अकाउंट को खंगाला. जांच में चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. सीआईडी ने इसे गंभीर बताते हुए पुरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश डीजीपी और गृह सचिव से की है.
झारखंड के कई संस्था संदेह के घेरे में हैं. मिशनरी ऑफ चैरिटी से नवजात बच्चे का सौदा करने का मामला सामने आया तो बात एफसीआरए की उठी. भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने झारखण्ड के 88 एनजीओ के एफसीआरए अकाउंट की जांच का निर्देश दिया था.
झारखण्ड सीआईडी बीते कई महीनों से पुरे मामले की जांच कर रही थी. इसमें एटीएस की भी मदद ली जा रही थी. दस एनजीओ की जांच के बाद सीआईडी ने 12 अक्टूबर को डीजीपी और गृह सचिव को पूरी रिपोर्ट सौंपी है. पूरे मामले को गंभीर बताते हुए सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की है.
इससे पहले जुलाई महीने में दुमका में पुलिस ने धर्मांतरण का धंधा चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की थी. शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में जबरन ईसाई बनाने के 16 आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. गिरफ्तार लोगों में सात महिलाएं भी शामिल थीं. शिकायकर्ता रमेश मुर्मू ने आरोप लगाया था कि आरोपी गांव में घुसकर पहले तो संथाल आदिवासियों को जबरन ईसाई धर्म कबूल करवाया फिर आदिवासियों के पूजा स्थल जाहेरथान जाने से रोक रहे थे.