झारखंड: रघुवर सरकार की कोशिशों से लोहरदगा में नक्सलियों के हौसले हुए पस्त
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झारखंड: रघुवर सरकार की कोशिशों से लोहरदगा में नक्सलियों के हौसले हुए पस्त

बॉक्साइट नगरी लोहरदगा नक्सलियों के लाल आतंक की राजधानी बन गई थी लेकिन रघुवर सरकार की नक्सल पॉलिसी से यहां की तस्वीर बदल गई.

झारखंड: रघुवर सरकार की कोशिशों से लोहरदगा में नक्सलियों के हौसले हुए पस्त

रघुवर सरकार के प्रयास से लोहरदगा में नक्सलियों के हौसले पस्त हो गए हैं और एक नया सवेरा हुआ है जिसमें पुलिस और सरकार पर ग्रामीणों का भरोसा बढ़ा है. और अब सरकारी योजनाओं से पिछड़े गांवों की तस्वीर बदलने लगी है. 

बॉक्साइट नगरी लोहरदगा नक्सलियों के लाल आतंक की राजधानी बन गई थी लेकिन रघुवर सरकार की नक्सल पॉलिसी से यहां की तस्वीर बदल गई. नई दिशा आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर दो दर्जन नक्सलियों ने सरेंडर किया और फिर विकास की योजनाएं गांव-गांव तक पहुंची. दरअसल सरकार की कोशिश है की सबको न्याय और सुरक्षा मिले और यही वजह है की जिस गांव में कभी चौकीदार भी वर्दी पहनने से डरते थे. वो आज नक्सल मुक्त अभियान में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं.

नक्सल आतंक के चलते शाम ढलते ही गांव के नौजवान घर मे दुबक जाते थे या फिर यहां से पलायन कर जाते थे लेकिन रघुवर सरकार के प्रयास से लोगों को नक्सलियों से मुक्ति मिली है.और अब गांव के लोग पुलिस और कानून के साथ खड़े हैं. रघुवर सरकार ने जिले के हर गांव तक सड़क, बिजली और पानी जैसी मुलभुत सुविधाएं पहुंचाई है. साथ ही गांव में ही लोगों को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की जा रही है.

(Exclusive Feature)