RLSP के जाने से LJP को होगा फायदा? चिराग ने कहा- 'सीट पर NDA नए सिरे से करेगी आकलन'
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RLSP के जाने से LJP को होगा फायदा? चिराग ने कहा- 'सीट पर NDA नए सिरे से करेगी आकलन'

एलजेपी नेता चिराग पासवान का कहना है कि वह इसे लाभ या हानि के तौर पर नहीं देख रहे. लेकिन यह है कि अब सीट शेयरिंग पर फिर से नई बात होगी.

चिराग पासवान ने कहा सीट शेयरिंग पर गठबंधन फिर आकलन करेगी.

नई दिल्ली/पटनाः आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए से नाता तोड़ लिया है. आरएलएसपी के जाने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका सीधा फायदा एलजेपी को होनेवाला है. माना जा रहा है कि आरएलएसपी के जानें से एलजेपी की मिलने वाली सीट में बढ़ोतरी होगी. हालांकि एलजेपी नेता चिराग पासवान का कहना है कि वह इसे लाभ या हानि के तौर पर नहीं देख रहे. लेकिन यह है कि अब सीट शेयरिंग पर फिर से कोई नई बात हो सकती है.

चिराग पासवान ने कहा कि वह हमेशा मानते थे कि आरएलएसपी एनडीए छोड़ कर नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से यही कहता था कि उन्हें जितनी भी परेशानियां है वह गठबंधन के अंदर रहकर बात करें. लेकिन वह लगातार जनता के सामने सार्वजनिक रूप से बयानबाजी कर रहे थे. इन बातों से गठबंधन में उथल-पुथल चल रही थी. लेकिन अब उन्होंने यह फैसला लिया तो अपने हित के लिए लिया होगा.

उपेंद्र कुशवाहा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह साढ़े चार साल से वह गठबंधन में थे और उनके पास हर वह प्लेटफॉर्म था जहां वह अपनी परेशानियां जाहिर कर सकते थे. मंत्रिमंडल के सामने अपनी बातों को रखने का उनको पूरा अधिकार था. प्रधानमंत्री के पास भी अपने बातों को रख सकते थे. अगर आपको लगा की आरएसएस की विचारधारा को बीजेपी थोप रही थी तो कुशवाहा ने हाल ही में यह क्यों कहा कि वह पीएम मोदी को फिर से कुर्सी पर देखना चाहते हैं. उस वक्त उन्हें आरएसएस की विचारधारा का ख्याल नहीं आया.

सीट शेयरिंग के आरोप पर चिराग पासवान ने कहा कि अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर फाइनल बातचीत हुई ही नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा खुद ही अपने मन में गढ़ रहे थे कि उन्हें कम सीटें दी जाएगी. उनका अपमान किया जाएगा. यह सब गठबंधन तोड़ने का बहाना था और कुछ भी नहीं.

चिराग पासवान ने कहा कि अब एनडीए में नई परिस्थिति उत्पन्न हो गई है. इस नई परिस्थिति में गठबंधन के बीच बात होगी. और नए सिरे से इसका आकलन भी किया जाएगा.

नीतीश कुमार को लेकर उन्होंने कहा कि उनका कद काफी ऊंचा है. वह बिहार की सबसे बड़ी क्षेत्रिय दल है इसलिए उनका सम्मान करना चाहिए. एनडीए की एक ही प्राथमिकता है कि 2019 में 2014 से अच्छा प्रदर्शन करना है. उन्होंने कहा कि सीटों को लेकर कुशवाहा का सम्मान कितने पर होगा. अगर वह महागठबंधन में गए तो देखते हैं उनका सम्मान वहां कितने संख्या में की जाती है.

वहीं, उपेंद्र कुशवाहा के फैसले पर जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि यह फैसला उन्होंने पहले से ही ले लिया था. लेकिन वह स्टॉलमेंट में वह इसे भंजा रहे थे. राजनीति समझनेवालों को पहले ही पता था कि कुशवाहा क्या करना चाहते थे. वह केवल शहीद होने की कोशिश कर रहे हैं.

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उपेंद्र कुशवाहा ने जनता और गठबंधन के विश्वास को तोड़ा है. इसका जवाब उन्हें जनता देगी.

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