मशरूम की खेती से बदल रही है झारखंड के किसानों की तस्वीर
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मशरूम की खेती से बदल रही है झारखंड के किसानों की तस्वीर

झारखंड सरकार द्वारा मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए ना केवल किसानों को इसकी ट्रेनिंग दे रही है बल्कि किसानों को अपना उत्पाद बेचने में कोई परेशानी ना हो, इसके लिए बाजार भी मुहैया करा रही है.

कभी धान के लिए मशहूर रहा पाकुड़ अब मशरूम की मंडी बनता जा रहा है

पाकुड़ : झारखंड में किसानों की आय बढ़ाने के लिए रघुवर सरकार मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए पाकुड़ में किसानों को मुफ्त में ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे मशरूम की उत्पादन में लगातार इजाफा हो रहा है. तकरीबन हर जिले के किसान अब मशरूम उगा रहे हैं.

मशरूम उगाने की ट्रेनिंग
झारखंड में मशरूम की मांग अधिक है और मांग के मुकाबले में उत्पादन कम. ऐसे में झारखंड के किसानों के लिए मशरूम की खेती काफी फायदेमंद मानी जा रही है. पाकुड़ में सरकार की तरफ से किसानों को मशरूम की खेती की ट्रेनिंग दी जा रही है. यहां सरकार द्वारा ना केवल किसानों के मशरूम की खेती के गुर बताए जा रहे हैं बल्कि उनके उत्पान (मशरूम) का बाजार भी मुहैया कराया जा रहा है.

किसानों के मिल रही ट्रेनिंग का असर अब दिखने लगा है. मशरूम उगाकर किसानों को उसकी बिक्री के इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा है. पाकुड़ के बाजार में ही किसानों को उनकी फसल के अच्छे दाम मिल जाते हैं. यहां के मशरूम को कोलकाता समेत अन्य बड़े शहरों में भेजा जा रहा है. आलम यह है कि पाकुड़ में अब मशरूम का नया बाजार खड़ा हो गया है. 

किसानों को मिल रहा है बाजार
पाकुड़ के कृषि वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि झारखंड में सबसे ज्यादा बटन मशरूम उपजाया जाता है. एक किलो मशरूम उपजाने में 60 से 70 रुपये खर्च आता है, जबकि 250 रुपए किलो इसकी बाजार में कीमत है. पहले बाजार की कमी के कारण मशरूम की खेती फायदे का सौदा नहीं माना जाता था. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. किसानों को घर बैठे ही मशरूम के अच्छे दाम मिल रहे हैं और किसान खुशहाल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि चूंकि पाकुड़ में धान की पैदावार ज्यादा है, इसलिए धान का पुआल मशरूम के लिए काम आ जाता है. 

रघुवर सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है. ऐसे में मशरूम का उत्पादन किसानों की आय बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा. इसकी खेती में लागत कम लगती है और मुनाफा लागत का लगभग चौगुना होता है.