बिहार बोर्ड का फरमान: परीक्षा में जूते-मोजे नहीं चप्पल पहनकर आएं छात्र
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बिहार बोर्ड का फरमान: परीक्षा में जूते-मोजे नहीं चप्पल पहनकर आएं छात्र

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षा में जूता और मोजा नहीं पहनने के का निर्देश बिहार राज्य में अयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में दिया जाता रहा है, जिसे इस वर्ष से वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है.

प्रतीकात्मक फोटो.

पटना, प्रीतम कुमार. बिहार में 21 फरवरी वार्षिक माध्यमिक परीक्षा शुरू हो रही है. 10वीं बोर्ड की परीक्षा में नकल न हो इसे लेकर शिक्षा विभाग ने अजीबोगरीब फैसला सुनाया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा के दिन जूता-मोजा नहीं पहन कर आना है. 

  1. बिहार बोर्ड ने 10वीं की परीक्षा से पहले जारी किया निर्देश
  2. परीक्षा में जूता-मोजा नहीं बल्कि चप्पल पहनवकर आएं
  3. 21 फरवरी से शुरू हो रही है 10वीं बोर्ड की परीक्षा

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षा में जूता और मोजा नहीं पहनने के का निर्देश बिहार राज्य में अयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में दिया जाता रहा है, जिसे इस वर्ष से वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2018 में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा के दिन जूता और मोजा की जगह चप्पल पहन कर आना होगा.
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21 से 28 फरवरी तक होगी परीक्षा
समिति द्वारा इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, केंद्राधीक्षक, परीक्षार्थी, अभिभावकों के लिए निर्देश जारी किया जा रहा है. आपको बता दें कि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2018 का आयोजन राज्य के 1426 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में 21 से 28 फरवरी, 2018 के बीच किया जा रहा है. 
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17.70 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे
10वीं बोर्ड की परीक्षा में लगभग 17.70 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. इस परीक्षा के लिए पटना जिला में कुल 74 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिस पर दो पालियों में 82.50 हजार से भी अधिक परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे.

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