लालू ने पिया ‘जहर’, नीतीश को सीएम पद का उम्मीदवार माना
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लालू ने पिया ‘जहर’, नीतीश को सीएम पद का उम्मीदवार माना

जदयू की मांग पर कई हफ्तों तक विरोध जताने के बाद आखिरकार सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को ‘धर्मनिरपेक्ष गठबंधन’ की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार कर लिया और कहा कि वह सांप्रदायिकता के ‘कोबरा सांप’ को कुचलने के लिए हर ‘जहर’ पीने को तैयार हैं।

लालू ने पिया ‘जहर’, नीतीश को सीएम पद का उम्मीदवार माना

नई दिल्ली : जदयू की मांग पर कई हफ्तों तक विरोध जताने के बाद आखिरकार सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को ‘धर्मनिरपेक्ष गठबंधन’ की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार कर लिया और कहा कि वह सांप्रदायिकता के ‘कोबरा सांप’ को कुचलने के लिए हर ‘जहर’ पीने को तैयार हैं।

लालू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं धर्मनिरपेक्ष ताकतों और भारत की जनता को भरोसा दिलाता हूं कि बिहार की लड़ाई में मैं हर तरह का घूंट पीने को तैयार हूं। हम हर तरह का घूंट पीने को तैयार हैं। हम हर तरह का जहर पीने के लिए तैयार हैं।’ इसी संवाददाता सम्मेलन में नीतीश को राजद-जदयू गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया।

भाजपा की ओर इशारा करते हुए लालू ने कहा, ‘मैं इस सांप का फन, सांप्रदायिकता के इस कोबरा को कुचलने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’ दोनों दलों के बीच समझौते का सूत्रधारा सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को माना जा रहा है। मुलायम ने कहा कि वह बिहार के इन दोनों प्रमुख दलों के बीच एकजुटता होने से खुश हैं।

मुलायम ने कहा, ‘मैं लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की एकता को लेकर खुश हूं। कुमार बिहार में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। लालूजी ने मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव दिया। लालूजी ने कहा कि वह प्रचार करेंगे।’

मुलायम ने कहा, ‘कोई मतभेद नहीं है और हम कोई मतभेद नहीं पैदा होने देंगे।’ उन्होंने कहा कि वे ‘सांप्रदायिक ताकतों’ को उखाड़ फेंकने के लिए मिलकर साथ लड़ेंगे। लालू ने मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर नीतीश कुमार के साथ मतभेदों को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि कोई विवाद नहीं है।

राजद नेता ने याद किया कि उन्होंने किस तरह से राज्यसभा चुनाव में जदयू का समर्थन किया था। बिहार की राजनीति पर पैनी नजर रखने वालों का मानना है कि लालू मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नीतीश को बनाए जाने का विरोध करते रहे हैं।