मांझी के ऊंची जाति संबंधी बयान पर जदयू में तेज हुए विरोध के स्वर
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मांझी के ऊंची जाति संबंधी बयान पर जदयू में तेज हुए विरोध के स्वर

ऊंची जातियों के लोगों के विदेशी होने संबंधी बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान को लेकर सत्तारूढ़ जनतादल यूनाइटेड (जदयू) में विरोध के स्वर आज तेज हो गए तथा एक और विधायक ने उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की।

मांझी के ऊंची जाति संबंधी बयान पर जदयू में तेज हुए विरोध के स्वर

पटना : ऊंची जातियों के लोगों के विदेशी होने संबंधी बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान को लेकर सत्तारूढ़ जनतादल यूनाइटेड (जदयू) में विरोध के स्वर आज तेज हो गए तथा एक और विधायक ने उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की।

मोकामा के जदयू विधायक अनंत सिंह द्वारा मांझी को हटाने की मांग किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को भोजपुर जिले के तराई से अन्य पार्टी विधायक सुनील पांडे ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी का कड़ा विरोध किया और तत्काल उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की।

जदयू के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी मांझी के विवादास्पद बयान पर नाखुशी जतायी है। जदयू महासचिव के सी त्यागी ने कहा, ‘जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने ऊंची जातियों की उत्पति पर मांझी के बयान को लेकर नाखुशी जतायी है।’ त्यागी ने कहा, ‘मांझी को बिहार के विकास संबंधी नीतीश कुमार के रोडमैप को आगे ले जाने के लिए चुना गया था.. लेकिन जान पड़ता है ऐसा करने के बजाय कि मांझी को ऊंची जातियों की उत्पति ढूंढकर इतिहास का पुनर्लेखन करने में तथा वर्षों घर से बाहर रहने वाले सैन्यककर्मियों की पत्नियों की दशा में ज्यादा रुचि है।’

पांडे ने कहा, ‘वह (मांझी) सरकार चलाने के काबिल नहीं रहे... उन्हें इस पद से तत्काल हटाया जाना चाहिए।’ उन्होंने मांझी के स्थान पर नये नेता का चुनाव करने के लिए जदयू विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘जनता ने नीतीश कुमार को जनादेश दिया था न कि जीतन राम मांझी को। अतएव उन्हें उनके गैरजिम्मेदाराना बयान को लेकर बिना देरी किए हटाया जाए।’ इसी बीच बेतिया की एक अदालत में ऊंची जातियों के संबंध में बयान को लेकर मांझी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार मिश्रा ने बेतिया के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राज किशोर पांडे की अदालत में मांझी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सीजेएम ने शिकायत मंजूर कर ली और उसे सुनवाई के लिए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आर के राय की अदालत में भेज दी। उस पर 10 दिसंबर को सुनवाई होगी।

बरबीघा के जदयू विधायक गजानंद शाही ने मांझी की आलोचना की और कहा, ‘यह अशोभनीय टिप्पणी है। ऐसे बयानों से पार्टी को नुकसान होगा।’ पशुपाल मंत्री वैद्यनाथ साहनी ने भी मांझी की ऊंची जाति संबंधी टिप्पणी पर ऐतराज जताया और कहा कि वह इस पर वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार का ध्यान आकृष्ट करेंगे।

कल जदयू विधायक अनंत सिंह और विधान परिषद के पूर्व सदस्य एवं कुमार के करीबी समझे जाने वाले संजय झा ने मांझी के बयान का कड़ा विरोध किया था। समस्तीपुर जिले में रोसरा की एक अदालत में भी मांझी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी है। मांझी की जाति संबंधी टिप्पणी पर जदयू के मित्र दलों राजद और कांग्रेस ने भी आपत्ति जतायी है।