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नई दिल्ली : कन्या शिशु हत्या को गैर जमानती अपराध बनाने के लिए लोकसभा में एक महत्वपूर्ण गैर सरकारी विधेयक पेश किया गया है।
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी द्वारा पेश किए गए ‘कन्या शिशु हत्या निवारण विधयेक 2014’ के कारणों और उद्देश्यों में कहा गया है कि देश में अभी भी जारी दहेज प्रथा के अभिशाप के कारण किसी साधारण परिवार में कन्या का जन्म अशुभ और श्राप समझा जाता है।
इसमें कहा गया है कि बालिका का जन्म गरीब परिवारों द्वारा बोझ समझा जाता है। इसके परिणामस्वरूप देश में व्यापक रूप से प्रचलित कन्या शिशु हत्या के मामलों में कई गुणा वृद्धि हुई है। विधेयक कहता है कि यह सही समय है जब इस कायरतापूर्ण कृत्य को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। लेकिन किसी कठोर कानून के अभाव में इस कुप्रथा पर रोक लगा पाना बहुत कठिन है।
विधेयक के प्रावधानों में कहा गया है कि यदि बालिका की मृत्यु के कारण के संबंध में प्रारंभिक जांच के बाद कोई व्यक्ति शिशु हत्या का अपराधी पाया जाता है तो उसे तत्काल हिरासत में लिया जाना चाहिए। इस अपराध को गैर जमानती अपराध बनाए जाने के साथ ही दोषियों के लिए दस वर्ष के कारावास और एक लाख रूपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही कहा गया है कि ऐसे मामलों में कन्या शिशु की हत्या की जांच तथा अदालत में रिपोर्ट या वाद फाइल करने का कार्य बालिका की मृत्यु की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरा कर लिया जाना चाहिए।