बीजेपी सांसद उदितराज ने भी महिषासुर को माना था शहीद, अब दी सफाई
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बीजेपी सांसद उदितराज ने भी महिषासुर को माना था शहीद, अब दी सफाई

संसद में स्मृति ईरानी के देवी दुर्गा और महिषासुर दिवस को लेकर दिए बयान को लेकर कांग्रेस भड़क उठी है और इसे मुद्दा बना लिया है। इसको लेकर कांग्रेस स्मृति ईरानी से माफी मांगने की मांग कर रही है। अब महिषासुर दिवस पर विवाद के बीच एक और खुलासा हुआ है, जिससे बीजेपी के लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ सकती है। इससे संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल होकर बीजेपी सांसद उदितराज ने भी महिषासुर को शहीद माना था। हालांकि यह कार्यक्रम तीन साल पहले हुआ था और अब उन्‍होंने इस पूरे मामले में सफाई दी है।

फोटो सौजन्‍य: ट्वीटर

नई दिल्‍ली : संसद में स्मृति ईरानी के देवी दुर्गा और महिषासुर दिवस को लेकर दिए बयान को लेकर कांग्रेस भड़क उठी है और इसे मुद्दा बना लिया है। इसको लेकर कांग्रेस स्मृति ईरानी से माफी मांगने की मांग कर रही है। अब महिषासुर दिवस पर विवाद के बीच एक और खुलासा हुआ है, जिससे बीजेपी के लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ सकती है। इससे संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल होकर बीजेपी सांसद उदितराज ने भी महिषासुर को शहीद माना था। हालांकि यह कार्यक्रम तीन साल पहले हुआ था और अब उन्‍होंने इस पूरे मामले में सफाई दी है।

अब यह खुलासा हुआ है कि साल 2013 में जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) में आयोजित महिषासुर महिषासुर शहादत दिवस कार्यक्रम में बीजेपी के सांसद उदित राज भी शामिल हुए थे। खुद उदित राज ने भी माना कि वे अक्टूबर 2013 में महिषासुर दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनका कहना है कि उस समय यानी 2013 में वे बीजेपी में नहीं थे, मैंने 2014 में पार्टी ज्वाइन की थी। उदितराज ने अपनी सफाई में कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर उस कार्यक्रम में गया। बीजेपी का उस कार्यक्रम से  कोई वास्‍ता नहीं है। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी में मैं 2014 में आया, पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है। मैंने पार्टी के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला है। बीजेपी में आने के बाद पार्टी के विचारों के साथ हूं। साल 2013 के कार्यक्रम से बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है। जेएनयू में अब जो हो रहा है वो गलत है।  

 

उदित राज ने अपनी ओर से पेश सफाई में यह कहा कि मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर उस कार्यक्रम में गया था। बीजेपी में आने के बाद मैं ऐसे कार्यक्रम में नहीं गया। आज यदि बाबा साहब होते तो वो भी जेएनयू में हो रही बातों पर सख्त कार्यवाही करते क्योंकि बोलने की आजादी का मतलब अफजल गुरु का समर्थन करना नहीं है। मैं पार्टी के विचारों से सहमत हूं, पार्टी में आने से पहले मैंने क्या किया, वो संदर्भ अलग है।

बता दें कि इससे पहले कल हंगामे के कारण स्मृति ईरानी का बयान पूरा होने से पहले ही सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान स्मृति ईरानी ने जेएनयू में देवी दुर्गा के अपमान का मुद्दा उठाया था। वहीं आज भी स्मृति ईरानी के इस बयान को लेकर आज संसद में हंगामे के आसार हैं।

कांग्रेस ने देवी दुर्गा के बारे में इस तरह से चित्रण करने पर स्मृति ईरानी से माफी की मांग की है। कांग्रेस ने का कहना है कि स्मृति ईरानी अपना इस तरह का बयान वापस लें वर्ना सदन नहीं चलने दिया जाएगा।

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