कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी ने मणिपुर और गोवा के बाद मेघायल में जनादेश का अपमान किया है.
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नई दिल्ली : इटली से आते ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. पूर्वोत्तर में बीजेपी को मिली जीत पर उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. मेघालय में सरकार बनाने के दावे पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने मेघालय में जनादेश का अपमान किया है. सत्ता के लिए भाजपा ने अवसरवादी गठबंधन किया है.
बता दें कि मेघालय में बीजेपी को महज दो सीटें मिली हैं, फिर भी पार्टी ने गठबंधन बनाकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है. जबकि 21 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी कांग्रेस यहां सरकार बनाने में विफिल रही है. हालांकि नागालैंड और त्रिपुरा में कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं जीत पाया था. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोला है.
जनादेश का अपमान
उन्होंने कहा कि बीजेपी लगातार जनादेश का अपमान कर रही है. पहले मणिपुर, फिर गोवा और अब मेघायल में जनता द्वारा नकारे जाने के बाद भी पार्टी वहां जोड़-तोड़ की राजनीति कर सरकार बनाने जा रही है. यह सरासर जनादेश का अपमान है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मेघालय में बीजेपी ने दूसरों के सहारे सत्ता छीनी है. उन्होंने कहा इसे सत्ता पाना नहीं बल्कि सत्ता छीनना कहते हैं.
With just 2 seats, the BJP has usurped power in Meghalaya, through a proxy.
Like in Manipur & Goa, showing utter disregard for the mandate of the people. Obsessed instead with grabbing power, using big money to create an opportunistic alliance.#DemocracyDemonetised
— Office of RG (@OfficeOfRG) 5 मार्च 2018
सत्ता के लिए बहा रही है पैसा
राहुल ने कहा कि महज दो सीटें होने के बाद भी बीजेपी ने दूसरों के सहारे सत्ता छीनने का काम किया है, बीजेपी कुर्सी के लालच में हर हथकंडे अपना रही है और सत्ता के लिए उसने अवसरवादी गठबंधन किया है. सत्ता पाने के लिए बीजेपी बेहिसाब पैसा बहा रही है.
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इससे पहले एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में जनता के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि वे पूर्वोत्तर में पार्टी की मजबूती और जीत के साथ वापसी करने के लिए कटिबद्ध हैं.
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कांग्रेस ने नहीं लिया सबक
कांग्रेस ने गोवा में की गई अपनी गलती से सबक लेते आनन-फानन में वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल और कमलनाथ को मेघालय सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशने के लिए भेजा था लेकिन ये दोनों दिग्गज भी कुछ खास नहीं कर सके. इस तरह से पार्टी के हाथ से मेघालय भी निकल गया. जैसी ही मेघालय का खंडित जनादेश आया था, तभी से ये अंदेशा जताया जा रहा था कि कांग्रेस की सरकार बनना मुश्किल है. चुनाव नतीजे में 21 सीटें मिली थी और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या बल नहीं जुटा पाई.
दोहराया गया गोवा का इतिहास
पिछले साल मार्च के महीने में ही गोवा में कुछ इसी तरह का सियासी ड्रामा हुआ था जिसमें कांग्रेस के मुंह की खानी पड़ी थी और वह सरकार नहीं बना पाई थी. 11 मार्च को गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को 40 सदस्यीय विधानसभा में 17 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी की झोली में 13 सीटें आई थीं. वहां सरकार बनाने का जिम्मा दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को सौंपा गया था लेकिन वे सफल नहीं हुए. बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने सियासी गोटी फिटकरके मनोहर पर्रिकर को सीएम बनवा दिया था.