कैराना को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ा, भाजपा विधायक सोम ने दिया अल्टीमेटम
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कैराना को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ा, भाजपा विधायक सोम ने दिया अल्टीमेटम

कैराना से हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच भाजपा के संगीत सोम ने शुक्रवार को उत्तरप्रदेश सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया कि ऐसे परिवारों को वापस लाएं।

कैराना को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ा, भाजपा विधायक सोम ने दिया अल्टीमेटम

कैराना/लखनऊ : कैराना से हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच भाजपा के संगीत सोम ने शुक्रवार को उत्तरप्रदेश सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया कि ऐसे परिवारों को वापस लाएं।

वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले में आरोपी सोम और समाजवादी पार्टी के नेता अतुल प्रधान ने अलग-अलग रैली निकाली जिसे देखते हुए शामली जिला और कैराना के सीमावर्ती इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया। अधिकारियों ने दोनों रैलियां रोक दीं।

सोम ने चेतावनी दी कि अगर उत्तरप्रदेश की सपा सरकार ने पलायन कर गए हिंदुओं को वापस नहीं लाया तो कोई भी भाजपा कार्यकर्ताओं को कैराना जाने से नहीं रोक सकेगा। चेतावनी ऐसे समय में दी गई है जब शामली जिला प्रशासन ने कथित तौर पर पाया है कि अपराधियों के डर से केवल तीन परिवारों ने कैराना छोड़ा जबकि बताया जाता है कि 346 परिवार अत्याचार के कारण ‘फरार’ हो गए।

सोम पर पलटवार करते हुए सपा प्रवक्ता और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने ‘पलायन’ के आरोपों को खारिज कर दिया और भगवा दल पर आरोप लगाए कि 2017 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर राजनीतिक लाभ के लिए उत्तरप्रदेश का सांप्रदायिक माहौल खराब कर रही है।

यादव ने प्रस्ताव दिया कि पांच ‘गैर राजनीतिक व्यक्ति’ कैराना का दौरा करें और वास्तविकता की जांच करें। लखनऊ में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम सुझाव देते हैं कि प्रमोद कृष्णन, स्वामी कल्याण, नारायण गिरि, स्वामी चिन्मयानंद और स्वामी चक्रपाणि वहां जाकर वास्तविकता देखें और रिपोर्ट दें।’ मेरठ के जिलाधिकारी पंकज यादव ने कहा कि सोम ने सरधना स्थित अपने घर से हजारों समर्थकों के साथ कैराना के लिए मार्च निकाला लेकिन स्थिति को ध्यान में रखकर शहर की सीमा पर उन्हें रोक दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा, ‘एहतियात के तौर पर पुलिस और पीएसी को काफी संख्या में तैनात किया गया है। धारा 144 लागू है। इस स्थिति में किसी को भी कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’ शामली के जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने पीटीआई से कहा कि कैराना सहित शामली जिले में एहतियाती आदेश जारी किए गए हैं और बिना अनुमति के नेताओं के साथ किसी भी मार्च या यात्रा को अनुमति नहीं दी जाएगी।

कैराना में सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया गया है और सुरक्षा अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

सोम ने कहा कि निषेधाज्ञा के बाद उन्होंने अपनी ‘निर्भय’ रैली को स्थगित कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘हमने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। सरकार या तो पलायन कर गए लोगों को वापस लाए या हम सड़कों पर उतरेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘अगर 15 दिनों में वे नहीं लौटते हैं तो हम चेतावनी देते हैं कि कोई भी भाजपा कार्यकर्ताओं को कैराना या दूसरे जगहों पर जाने से नहीं रोक पाएगा।’ प्रधान ने कहा कि सोम 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी हैं और उनके ‘घृणित’ प्रयासों को रोकने के लिए ही सपा ने उनकी ‘सद्भावना’ रैली को रोकने का प्रयास किया।

शिवपाल यादव ने कहा, ‘उनका काम केवल दंगा कराना और लोगों को एक-दूसरे से लड़ाना है लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं होने देगी। चाहे संगीत सोम हों या कोई और राज्य सरकार किसी को भी दंगे की योजना नहीं बनाने देगी। हम उनके खिलाफ सबूत जुटाएंगे और जल्द ही मीडिया के समक्ष उनका भंडाफोड़ करेंगे।’ इस बीच माकपा के एक नेता ने कहा कि कैराना से हिंदुओं और मुसलमानों सहित लोगों का पलायन सामाजिक-आर्थिक मुद्दों और अपराधीकरण के कारण है न कि सांप्रदायिकरण के कारण।

माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘पलायन सांप्रदायिकरण के कारण नहीं हो रहा है। हिंदू और मुसलमान दोनों पलायन कर रहे हैं। वहां लोग आधुनिक शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और प्रशासन की कमी की शिकायत करते हैं।’ उन्होंने भाजपा से अपने दावे के लिए माफी मांगने को कहा।

 

 

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