बीएमपी के जवानों का आरोप है कि ट्रक दुर्घटना के बाद मदद के लिए मेजर को फोन किया गया लेकिन उन्होंने सही समय पर फोन नहीं उठाया.
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नवादा, यशवंत कुमार सिन्हा: ट्रक दुर्घटना में हुए साथी जवान की मौत से गुस्साए बीएमपी के जवानों ने मेजर रामेश्वर सिंह को पीटा दिया. जान बचाकर मेजर अपनी ऑफिस की तरफ भागने लगे तो जवानों ने उन्हें वहां भी दौड़ादौड़ा कर पीटा. दरअसल, बीएमपी के जवानों का आरोप है कि ट्रक दुर्घटना के बाद मदद के लिए मेजर को फोन किया गया लेकिन उन्होंने सही समय पर फोन नहीं उठाया. जवानों ने कहा कि अगर वो फोन उठा लेते हो हमारे साथी की जान बच जाती.
लापरवाही से गई जवान की जान
बीएमपी के जवान रविवार देर रात रजौली से रामनवमी के जूलूस में ड्यूटी कर नवादा लौट रहे थे. तभी पुलिस वाहन और ट्रक में जबरदस्त टक्कर हो गई. बताया जा रहा है कि दुर्घटना के बाद इलाज में देर होने के कारण जवान की मौत हो गई. मौत के बाद जवान का शव पुलिस लाइल लाया गया, जहां साथी जवान उसे अंतिम विदाई दे रहे थे. तभी मेजर रामेश्वर सिंह वहां पहुंचे. मेजर को देखते ही जवान उग्र हो गए और उनके साथ मारपीट करने लगे. मेजर अपनी जान बचाकर ऑफीस की तरफ भागे तो जवानों ने उन्हें दौड़ा लिया.
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'बिहार पुलिस के पास व्यवस्था की कमी'
पूरे मामले में एसपी विकास वर्मन ने बताया कि जवान रजौली से ड्यूटी कर लौट रहे थे. जिसमें सड़क दुर्घटना में एक जवान की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि मौत के बाद जो हुआ वह दुखद था, ऐसा होना नहीं चाहिए था. बिहार पुलिस के पास अभी व्यवस्था की कमी है.
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जवानों का आरोप
जवानों ने कहा कि घायल साथी को अस्पताल पहुंचाने के लिए समय पर गाड़ी नहीं मिली. उन्होंने बताया कि अगर दो घंटे पहले गाड़ी उपलब्ध करा दी जाती तो उसकी जान बच सकती थी. सबकी जान की हिफाजत हम करते हैं, हमारी जान की हिफाजत कौन करेगा? जवानों ने कहा कि मेजर के तानाशाह रवैए के कारण साथई की जान गई है. सुचना देने पर फोन रिसीव नहीं किया गया. काफी समय के बाद बात होने पर कहा गया कि गाड़ी में डीजल नहीं है. सही वक्त पर इलाज करया जाता तो वह बच जाता.