रामदेव ने अतिरिक्त सिविल जज (दीवानी न्यायाधीश) निपुण अवस्थी के समक्ष बंद कमरे में अपना बयान दर्ज कराया.
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नई दिल्ली : योग गुरु रामदेव ने कथित तौर पर अपने जीवन पर लिखी गई एक पुस्तक के प्रकाशन और बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिए अपनी ओर से दायर मामले में आज दिल्ली की एक अदालत में बयान दर्ज कराया. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस पुस्तक की विषय वस्तु अपमानजनक हैं. रामदेव कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत पहुंचे. उन्होंने अतिरिक्त सिविल जज (दीवानी न्यायाधीश) निपुण अवस्थी के समक्ष बंद कमरे में अपना बयान दर्ज कराया.
अदालती सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अदालत के समक्ष इस बात की पुष्टि की कि वह इस मामले में शिकायतकर्ता हैं और ‘गॉडमैन टू टायकून’ शीर्षक वाले पुस्तक की विषय वस्तु कथित तौर पर उनके जीवन पर आधारित है. इसकी विषय वस्तु अपमानजनक है. गौरतलब है कि यह पुस्तक पत्रकार प्रियंका पाठक नारायण ने लिखी है.
प्रकाशक जगरनॉट बुक्स की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सत्यजीत सरना ने बताया कि अदालत ने अगले आदेश तक प्रकाशक और दो ई कामर्स कंपनियों पर पुस्तक के प्रकाशन और बिक्री पर रोक जारी रखा है. इस मामले की सुनवाई अब 12 दिसंबर को होगी.
गौरतलब है कि अदालत ने अगस्त में प्रकाशक और दो ई कामर्स कंपनियों पर अगले आदेश तक पुस्तक के प्रकाशन और बिक्री करने पर रोक लगाई थी. सरना ने बताया कि अगस्त के आदेश को एक वरिष्ठ सिविल जज के समक्ष चुनौती दी गई.