सुलह की कोशिशें नाकाम, TDP के दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंपा
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सुलह की कोशिशें नाकाम, TDP के दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंपा

इससे पहले  बीजेपी और टीडीपी के रिश्तों में आई दरार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू से की फोन पर बात की.

केंद्रीय मंत्री वाईएस चौधरी  (साभार - ANI)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार में टीडीपी के दोनों मंत्रियों - अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मोदी सरकार में अशोक गजपति राजू  नागरिक उड्डयन मंत्री और वाईएस चौधरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री हैं. इस्तीफा देने के बाद वाई एस चौधरी ने कहा, 'हम एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे लेकिन कोई मंत्रीपद नहीं लेंगे. मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी गलत है.' इससे पहले  बीजेपी और टीडीपी के रिश्तों में आई दरार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू से की फोन पर बात की.

  1. टीडीपी के दोनों मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया
  2. अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी ने इस्तीफा दिया 
  3. टीडीपी ने बुधवार रात को दोनों मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा था 

विधानसभा में छलका नायडू का दर्द
इससे पहले चंद्रबाबू नायडू का विधानसभा में दर्द छलका. चंद्रबाबू नायडू कहा कि उन्होंने इस रिश्ते को बनाए रखने के लिए अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया. नायडू ने कहा कि 29 बार दिल्ली जाने के बावजूद हमें प्रधानमंत्री की तरफ से निराशा हाथ लगी. केंद्र सरकार से टीडीपी के अलग होने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए चंद्रबाबू नायडू ने सदन में कहा, 'अरुण जेटली ने बुधवार को जो कहा वह अच्छा नहीं है. आप पूर्वोत्तर राज्यों का हाथ मजबूती से थामे हुए हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश का नहीं. आप उन्हें औद्योगिक प्रोत्साहन दे रहे हैं, लेकिन आंध्र के साथ ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे. यह भेदभाव क्यों है?' 

बुधवार को की थी टीडीपी ने मंत्रियों के इस्तीफे की घोषणा
मंत्रियों के इस्तीफे से एक दिन पहले टीडीपी प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की थी कि राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने से मना किए जाने के खिलाफ पार्टी के मंत्री केंद्र सरकार से इस्तीफा देंगे.  एन चंद्रबाबू नायडू ने आनन फानन में बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा  था कि टीडीपी ने ‘‘ राज्य के हित में दर्दभरा फैसला’’ किया क्योंकि उसके पास‘‘ कोई अन्य विकल्प’’ नहीं था. नायडू ने कहा, ‘‘ जब (केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल होने का) उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा तो इसमें बने रहने में कोई तुक नहीं. मेरे लिए एकमात्र एजेंडा राज्य के हितों की सुरक्षा करना है.’’ 

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टीडीपी के इस फैसले से कुछ घंटे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विशेष राज्य के दर्जे वाले राज्य को मिलने वाले कोष के बराबर राशि आंध्र प्रदेश को दी जा सकती है. हालांकि उन्होंने कहा कि राजनीति धन की मात्रा नहीं बढा सकती.

जेटली ने कहा जैसी कि नायडू मांग कर रहे हैं, पूर्वोत्तर के राज्यों तथा तीन पर्वतीय राज्यों के अलावा किसी अन्य राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देना 14 वें वित्तीय आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अब संवैधानिक रूप से संभव नहीं हैं.

(इनपुट - भाषा)

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