बदन पर टैटू बनवाया तो जा सकती है भारतीय वायुसेना की नौकरी
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बदन पर टैटू बनवाया तो जा सकती है भारतीय वायुसेना की नौकरी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वायुसेना के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें एयरमैन के पद पर नियुक्त एक शख्स की नियुक्ति इसलिए रद्द कर दी गई क्योंकि उसने अपनी बांह पर ऐसा टैटू बनवा लिया था जिसे कभी मिटाया या हटाया नहीं जा सकता.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्लीः अगर आपने अपने बदन पर टैटू बनवा लिया है तो भारतीय वायुसेना में आपको नौकरी मिलने में काफी मुश्किल आ सकती है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने वायुसेना के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें एयरमैन के पद पर नियुक्त एक शख्स की नियुक्ति इसलिए रद्द कर दी गई क्योंकि उसने अपनी बांह पर ऐसा टैटू बनवा लिया था जिसे कभी मिटाया या हटाया नहीं जा सकता. वायुसेना कुछ खास तरह के टैटू की इजाजत देती है. वह आदिवासियों को उनके रीति-रिवाजों एवं परंपराओं के मुताबिक बनाए गए टैटू के मामलों में भी रियायत देती है.

  1. दिल्ली हाईकोर्ट ने वायुसेना के फैसले को बरकरार रखा
  2. अभ्यार्थी ने हाईकोर्ट में वायुसेना के फैसले के खिलाफ गुहार लगाई थी
  3.  वायुसेना द्वारा नियुक्ति को रद्द करने के आदेश में कोई खामी नहीं: HC

बहरहाल, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति रेखा पाटिल की पीठ ने कहा कि अभ्यर्थी के बदन पर बना टैटू वायुसेना की ओर से दी जाने वाली रियायतों के दायरे में नहीं आता और उसने अपना आवेदन जमा करते वक्त भी अपने टैटू की तस्वीर नहीं सौंपी जबकि वायुसेना की ओर से जारी विज्ञापन में इस बाबत निर्देश दिए गए थे.

वायुसेना के वकील ने स्पष्ट किया कि सिर्फ बांहों के अंदरूनी हिस्से, हाथ के पिछला हिस्से या हथेली के निचले हिस्से में बदन पर स्थायी टैटू की इजाजत है. इसके अलावा, टैटू बनवा चुके आदिवासी अभ्यर्थियों के मामले में सिर्फ ऐसे टैटू की इजाजत है जो उनके रीति-रिवाज और परंपराओं के मुताबिक बनाए गए हों.

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उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी की स्वीकार्यता या अस्वीकार्यता पर फैसले का हक चयन समिति के पास है. याचिकाकर्ता ने एयरमैन पद पर अपनी नियुक्ति रद्द करने के वायुसेना के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि जब उसे नियुक्ति-पत्र जारी किया गया था तो उसकी ओर से जमा किए गए एक प्रमाण-पत्र में उसने जानकारी दे दी थी कि उसके बदन पर एक टैटू है और ऐसा नहीं है कि उसने अधिकारियों से कुछ छुपाया है.

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बहरहाल, पीठ ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के बदन पर बना टैटू विज्ञापन में दी गई रियायत के दायरे में नहीं आता और इसी वजह से हम उसकी नियुक्ति को रद्द करने वाले आदेश में कोई खामी नहीं पाते. न्यायालय ने कहा कि दिसंबर 2017 में उसकी नियुक्ति रद्द करने का ठीकरा अधिकारियों पर नहीं मढ़ा जा सकता, क्योंकि वह उस वक्त अपने टैटू की तस्वीर जमा करने में नाकाम रहा था.

याचिकाकर्ता ने 29 सितंबर 2016 को वायुसेना में एयरमैन पद के लिए आवेदन किया था और फरवरी 2017 में लिखित एवं शारीरिक परीक्षा पास करने के बाद उसे मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया. वह मेडिकल जांच में भी पास हो गया.

पिछले साल नवंबर में उसे नियुक्ति पत्र जारी किया गया और 24 दिसंबर 2017 रिपोर्ट करने के लिए कहा गया. अधिकारियों को रिपोर्ट करने के अगले ही दिन उसे नियुक्ति रद्द करने का पत्र थमाया गया. पत्र में कहा गया था कि उसके शरीर पर बने स्थायी टैटू के कारण सशस्त्र बल में चयन की अनुमति नहीं दी जा सकती.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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