ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट के रिजल्‍ट की घोषणा में फिर देरी, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा
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ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट के रिजल्‍ट की घोषणा में फिर देरी, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने व्यापक पैमाने पर कथित अनियमितताओं के कारण सीबीएसई की ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट को रद्द करने के लिए दायर की गई याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रखा। उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाए जाने तक परिणाम की घोषणा पर रोक लगाई। अब 15 जून को शीर्ष कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट ने तीन मई को आयोजित परीक्षा में कथित तौर पर व्यापक अनियमितता के आरोपों के मद्देनजर आल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट 2015 दोबारा आयोजित करने की मांग से संबंधित याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की अवकाश पीठ ने कहा कि इसकी घोषणा जल्द ही होगी और तब तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से एआईपीएमटी परिणाम घोषित नहीं करने को कहा। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि अगर एक भी छात्र अवैध रूप से लाभान्वित होता है तब परीक्षा की गुणवत्ता खराब होती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह से हम सीबीएसई को दोषी नहीं ठहरा रहे हैं। पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई को इन चीजों पर संज्ञान लेना चाहिए था। ऐसा पिछले दो-तीन वर्षों से हो रहा है। सीबीएसई की तरफ से अदालत में पेश सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने परीक्षा रद्द करने की दलील का विरोध करते हुए कहा कि 6.3 लाख छात्रों को फिर से परीक्षा देने के लिए विवश नहीं किया जा सकता जब गलत तरीकों से केवल 44 छात्रों के अनुचित तरीकों से लाभ प्राप्त करने की बात पाई गई है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 8 जून को केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की अखिल भारतीय प्री मेडिकल टेस्ट के परिणाम घोषित करने पर लगी रोक की अवधि 12 जून तक बढ़ा दी थी। न्यायालय तीन मई को हुई इस परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर फिर से परीक्षा कराने के लिये दायर याचिका पर विचार करेगा। न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति अमिताव राय की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को इस मामले को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।

इससे पहले, अवकाशकालीन पीठ ने हरियाणा पुलिस को अपनी जांच की नयी प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जिसमे इस परीक्षा में हुयी अनियमितताओं से लाभान्वित हुये छात्रों की संख्या के बारे में संकेत देना था।
न्यायालय ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया था कि इस कथित लीक से लाभान्वित हुये यथासंभव अधिक से अधिक छात्रों की पहचान की जाए। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पांच जून को इस परीक्षा के नतीजे घोषित करने वाला था। इस परीक्षा में छह लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था।

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