जन्माष्टमी की धूम ; नंदलाल के जन्म उद्घोष के साथ मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़
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जन्माष्टमी की धूम ; नंदलाल के जन्म उद्घोष के साथ मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

देशभर के मंदिरों में बाल गोपाल नंदलाल के जन्म लेते ही जयकारे लगने लगे। नन्हे कान्हा के दर्शन के लिए मंदिरों के पट खोल दिए गए जहां भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी के अवसर पर गुरुवार देर रात मंदिरों में ‘हरे कृष्णा, हरे रामा’ की गूंज रही और छोटे-छोटे बच्चे कृष्ण कन्हैया की पोशाक पहनकर मंदिरों में झांकी देखने आए लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे। मंदिरों में भगवान कृष्ण के जन्म के उद्घोष के बाद आधी रात को कपाट खोला गया।

जन्माष्टमी की धूम ; नंदलाल के जन्म उद्घोष के साथ मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

नई दिल्ली : देशभर के मंदिरों में बाल गोपाल नंदलाल के जन्म लेते ही जयकारे लगने लगे। नन्हे कान्हा के दर्शन के लिए मंदिरों के पट खोल दिए गए जहां भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी के अवसर पर गुरुवार देर रात मंदिरों में ‘हरे कृष्णा, हरे रामा’ की गूंज रही और छोटे-छोटे बच्चे कृष्ण कन्हैया की पोशाक पहनकर मंदिरों में झांकी देखने आए लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे। मंदिरों में भगवान कृष्ण के जन्म के उद्घोष के बाद आधी रात को कपाट खोला गया।

महाराष्ट्र में हजारों लोग भगवान कृष्ण के बचपन से जुड़ी घटनाओं को नृत्य नाटिका के रूप में पेश करने के लिए एकत्र हुए और दही हांडी का भी आयोजन किया गया। उच्चतम न्यायालय द्वारा दही हांडी के संबंध में बनाए जाने वाले मानवीय पिरामिड की उंचाई 20 फुट से अधिक नहीं करने के आदेश के उल्लंघन के चलते राज्य में कथित रूप से 14 गोविंदा घायल हो गए।

उत्तर भारत में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर गीतों और नृत्यों का आयोजन किया गया। रात में भगवान कृष्ण की प्रतिमा को नहलाया गया और नगाड़ों की धूमधाम के साथ उन्हें फूलों से सजे पालने में बिठा कर झुलाया गया। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा और वृंदावन में लाखों तीर्थयात्रियों ने मुख्य मंदिरों में पूजा अर्चना की गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की। इंटरनेशनल सोसायटी आफ कृष्णा कांशियसनेस (इस्कान) के मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए।

नयी दिल्ली में इस्कान मंदिर में श्रद्धालुओं का भारी तांता लगा रहा जहां आज सुबह आरती के साथ ही उत्सव शुरू हो गया था। बिरला मंदिर के रूप में पहचाने जाने वाले लक्ष्मी नारायण मंदिर और पुरानी दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर को इस अवसर के लिए विशेष रूप से सजाया गया था। 

भगवान कृष्ण और राधा की पोशाक पहने छोटे बच्चे मंदिरों, गली मोहल्लों में विशेष आकषर्ण का केंद्र रहे जबकि जम्मू में लोगों ने पतंग उड़ाकर जन्माष्टमी मनायी। इस अवसर पर विशेष शोभा यात्राएं भी निकाली गयीं। राजस्थान की राजधानी जयपुर में हजारों लोग गोविंद देवजी के मंदिर में एकत्र हुए।

पंजाब के फगवाड़ा जिले में केवल महिलाओं के लिए बने मंदिर श्रीसंधूरण देवी मंदिर के द्वार इस अवसर पर पुरूषों के लिए भी खोले गए। सालभर इस मंदिर में पुरूषों का प्रवेश वर्जित होता है और केवल जन्माष्टमी के मौके पर ही पुरूषों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। तमिलनाडु में मकानों को भगवान कृष्ण की मूर्तियों से सजाया गया था और भगवान को दूध, घी तथा मक्खन से बनी मिठाई ‘सिदाई’ का भोग लगाया गया।

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