केरल बाढ़ : अब तक पटरी पर लौट नहीं पाई है जिंदगी, केंद्र करेगा और मदद
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केरल बाढ़ : अब तक पटरी पर लौट नहीं पाई है जिंदगी, केंद्र करेगा और मदद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि त्रिचुर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अपनी दौरे के दौरान केंद्र सरकार ने केरल की संवेदनशील स्थिति को समझा है.

केरल में बाढ़ के कारण लाखोंं लोग प्रभावित हुए हैं. (फाइल फोटो)

कोच्चि : केंद्र ने आश्वस्त किया कि बाढ़ग्रस्त केरल को और आर्थिक सहायता सहित हरसंभव मदद की जायेगी ताकि प्रभावित लोगों का सही तरीके से पुनर्वास हो सके. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि त्रिचुर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अपनी दौरे के दौरान केंद्र सरकार ने केरल की संवेदनशील स्थिति को समझा है. नड्डा ने कहा कि कोष की कोई समस्या नहीं है और केंद्र हमेशा धन देता रहा है. उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण और पुनर्विकास कार्यों के लिए हरसंभव मदद की जा रही है. 

मंत्री ने कहा कि वह प्रभावित क्षेत्रों में किये जा रहे पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों का राज्य सरकार के साथ मूल्यांकन करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि मूल्यांकन किया जाये. हम अपनी तरफ से जो कुछ भी बेहतर कर सकते हैं उसके लिए प्रयास कर रहे हैं. ’’ 

तमिलनाडु सरकार को बताया था जिम्मेदार
केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा मुल्लापेरियार बांध से अचानक ही पानी छोडा जाना राज्य में बाढ़ आने का एक प्रमुख कारण था. केरल सरकार ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा कि इस बाढ़ से केरल की कुल करीब 3.48 करोड़ की आबादी में से 54 लाख से अधिक लोग बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित हुये हैं.

राज्य सरकार ने कहा है कि उसके इंजीनियरों द्वारा पहले से सचेत किये जाने के कारण राज्य के जल संसाधन सचिव ने तमिलनाडु सरकार में अपने समकक्ष और मुल्लापेरियार बांध की निगरानी समिति को पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि जलाशय के जलस्तर को अपने अधिकतम स्तर पर पहुंचने का इंतजार किये बगैर ही इसे छोड़ने की प्रक्रिया नियंत्रित की जाये.

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