' पॉक्सो ई-बॉक्स ' के जरिये बच्चे भी कर सकते है यौन उत्पीड़न की शिकायत
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' पॉक्सो ई-बॉक्स ' के जरिये बच्चे भी कर सकते है यौन उत्पीड़न की शिकायत

 एनसीपीसीआर ने अपनी वेबसाइट पर ‘पॉक्सो ई-बॉक्स’ नामक एक विंडो की शुरुआत की

बाल यौन उत्पीड़न के कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें परिवार के लोग या रिश्तेदार शामिल होते हैं

नई दिल्ली: बाल यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों की मदद के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग :एनसीपीसीआर: की ओर से शुरू किए गए ‘पॉक्सो ई-बॉक्स’ के जरिए पिछले एक वर्ष में करीब 800 लोगों ने संपर्क किया और 50 से अधिक मामलों कार्रवाई सुनिश्चित की गई. पिछले साल अगस्त में एनसीपीसीआर ने अपनी वेबसाइट पर ‘पॉक्सो ई-बॉक्स’ नामक एक विंडो की शुरुआत की थी जहां कोई भी बच्चा या कोई अभिभावक बाल यौन उत्पीड़न तथा बाल अधिकारों के हनन से जुड़े मामलों की शिकायत कर सकता है. पॉक्सो ई-बॉक्स की व्यवस्था के अनुसार शिकायत मिलने के बाद आयोग के स्तर से साल 2012 के बाल यौन उत्पीड़न विरोधी कानून (पॉक्सो) के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है. एनसीपीसीआर के सदस्य यशवंत जैन :पॉक्सो एवं किशोर न्याय कानून: ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘पिछले एक साल में पॉक्सो ई-बॉक्स के जरिए करीब 800 लोगों ने हमसे संपर्क किया है.

  1. कोई भी पीड़ित बच्चा इस विंडो पर जाकर शिकायत का फॉर्म भर सकता है
  2. बच्चों की आसानी के लिए कार्टून एवं तस्वीरें दी गई हैं
  3.  शिकायत से जुड़ा फॉर्म भरने के बाद शिकायत करने वाले बच्चे को एकनॉलेजमेंट नंबर मिलेगा

इनमें 50 से अधिक ऐसी शिकायतें थीं जो बाल यौन उत्पीड़न, बाल अधिकारों के हनन एवं बाल मजदूरी के संदर्भ में थी. आयोग की तरफ से इन मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित की गई. उन्होंने पॉक्सो ई-बॉक्स की पहल को ‘सफल’ करार देते हुए कहा कि एक साल के भीतर इस पहल को लेकर जो प्रतिक्रिया मिली है, उसे देखते हुए इसे सफल कहा जा सकता है. इस पहल को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोग और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ प्रचार-प्रसार भी किया गया. आयोग ने पॉक्सो और पॉक्सो ई-बॉक्स के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पिछले महीने निजी क्षेत्र विमानन कंपनी इंडिगो के साथ भी गठजोड़ किया. इस एयरलाइन के विमानों के भीतर यात्रियों को दी जाने वाली इन-फ्लाइट मैगजीन में पॉक्सो और पॉक्सो ई-बॉक्स के बारे में जानकारी दी गई है. एनसीपीसीआर ने इस संदर्भ में प्रचार करने के लिए एफएम चैनलों पर जिंगल की शुरुआत की है.

अखबारों में भी विज्ञापन दिए जाते हैं. जैन ने कहा कि हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में पॉक्सो ई-बॉक्स के जरिए और बच्चे तथा अन्य लोग हमसे संपर्क करेंगे.  उन्होंने कहा कि बाल यौन उत्पीड़न के कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें परिवार के लोग या रिश्तेदार शामिल होते हैं. इन स्थितियों में बच्चे चाहकर भी पुलिस या निकट की बाल कल्याण समिति अथवा किसी एनजीओ से संपर्क नहीं कर पाते हैं. इस ई-बॉक्स की शुरूआत इसी मकसद के साथ की गई है कि बच्चे घर या किसी दूसरी जगह इंटरनेट के माध्यम से अथवा मोबाइल से महज कुछ मिनट के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.  जैन ने कहा कि ई-बॉक्स के स्तर पर आने वाली शिकायतों पर आगे की कार्रवाई के लिए आयोग में एक टीम है.

एक बार शिकायत मिलने के बाद हमारी टीम अपने स्तर पर शिकायत की छानबीन करती है और फिर संबंधित प्रशासन के माध्यम से कार्रवाई और न्याय सुनिश्चित कराती है. आयोग की इस पॉक्सो ई-बॉक्स विंडो में शिकायत दर्ज कराने का तरीका बहुत सरल है. कोई भी पीड़ित बच्चा इस विंडो पर जाकर शिकायत का फॉर्म भर सकता है . बच्चों की आसानी के लिए कार्टून एवं तस्वीरें दी गई हैं. शिकायत से जुड़ा फॉर्म भरने के बाद शिकायत करने वाले बच्चे को एकनॉलेजमेंट नंबर मिलेगा. इसके अलावा बाल यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चे ncpcr@gov.in पर अपनी शिकायत मेल कर सकते हैं. वे आयोग के मोइबाल नंबर 9868235077 पर फोन भी कर सकते है. 

(इनपुट भाषा से भी )

 

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