यह खनन परियोजना भारत की सीमा से लगे चीनी क्षेत्र में पड़ने वाले लहुंजे काउंटी में शुरू की गई है. यह क्षेत्र पिछले साल अक्टूबर में अचानक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कारण चर्चा में आ गया था.
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नई दिल्ली: चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटी सीमा के निकट अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में बड़े स्तर पर खनन का कार्य शुरू किया है. हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट अखबार के मुताबिक चीन को करीब 40.88 लाख करोड़ (60 अरब डॉलर) के सोने, चांदी और अन्य बहुमूल्य धातुओं के खनिज मिले हैं. यह खनन परियोजना भारत की सीमा से लगे चीनी क्षेत्र में पड़ने वाले लहुंजे काउंटी में शुरू की गई है.
शी जिनपिंग
लहुंजे काउंटी क्षेत्र पिछले साल अक्टूबर में अचानक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कारण चर्चा में आ गया था. दरअसल यहां के एक चरवाहा परिवार के साथ चीनी राष्ट्रपति ने पत्राचार किया था. यह परिवार आबादी के लिहाज से चीन के सबसे दूरस्थ और छोटे कस्बे युमाई में रहता है जो एकदम अरुणाचल प्रदेश के निकट है. अपने खत में शी जिनपिंग ने चरवाहा परिवार के पिता और उनकी दो बेटियों से अपने कर्तव्यों के निर्वाह और चीन के प्रति वफादारी दिखाने के लिए आभार व्यक्त किया था. इसके साथ ही लहुंजे के लोगों से अपनी जड़ों से जुड़ाव की गुजारिश की थी ताकि इस क्षेत्र का विकास राष्ट्रीय हित में हो सके.
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खनन का खेल
पिछले साल डोकलाम में 73 दिन तक भारत के साथ टकराहट के दो महीने बाद चीनी राष्ट्रपति ने इस तरह का खत लिखकर एक तरह से अरुणाचल प्रदेश पर अपनी दावेदारी को दर्शाया था. गौरतलब है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है. डोकलाम के बाद चीनी राष्ट्रपति के खत को इसी कड़ी के रूप में देखा गया था. उसके बाद पिछले महीने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक शिखर वार्ताओं के तत्काल बाद इस तरह की खनन परियोजना पर काम एक तरह से अरुणाचल प्रदेश के संपूर्ण क्षेत्र में फिर से दावेदारी सरीखा ही है. इसके कारण एक बार फिर भारत और चीन के बीच तल्खी बढ़ सकती है.
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'एक और दक्षिण चीन सागर' विवाद
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट के मुताबिक बुनियादी ढांचे में तीव्र विकास के साथ क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों पर दावा करने का चीन का कदम इसे ‘एक और दक्षिण चीन सागर’ विवाद के रूप में तब्दील कर सकता है. खबर में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश को अपने नियंत्रण में करने के चीन के कदम के तहत खनन कार्य किया जा रहा है. इस संबंध में परियोजना से वाकिफ लोगों ने कहा है कि खनन कार्य दक्षिण तिब्बत(अरुणाचल प्रदेश) पर फिर से दावा पेश करने की बीजिंग की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है.
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अखबार ने स्थानीय अधिकारियों, चीनी भूगर्भशास्त्रियों और रणनीतिक विशेषज्ञों से मिली जानकारी के आधार पर यह दावा किया है. हालांकि पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बैठक के तत्काल बाद ऐसा हो रहा है. इस बैठक का उद्देश्य पिछले साल के डोकलाम सैन्य गतिरोध जैसी घटनाओं को टालना था. गौरतलब है कि डोकलाम गतिरोध ने द्विपक्षीय संबंधों को तनावपूर्ण कर दिया था. बीजिंग स्थित चीन भूविज्ञान विश्वविद्यालय के प्राध्यापक झेंग युये के मुताबिक नये पाए गए अयस्क हिमालय क्षेत्र में चीन और भारत के बीच संतुलन को बिगाड़ सकते हैं.