वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और माओवादियों से बात करने की भी वकालत की.
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नई दिल्ली: कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार (8 जुलाई) को कहा कि घाटी में लोगों पर गोली चलाने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय वार्ता में सहयोग करना चाहिए. कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने समाचार एजंसी एएनआई से कहा, 'एक कश्मीरी होने के नाते बुरहान वानी के मसले पर सैफुद्दीन काफी अधिक जानकारी रखते हैं. यहां काफी संख्या में वानी के समर्थक हैं. बंदूक की नोंक पर कोई समस्या हल नहीं हो सकती. लोगों पर गोली चलाने से बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर की आवाम से द्विपक्षीय वार्ता करें.'
If PM ready to meet Chinese Pres Xi Jinping & Naga leaders, why doesn’t he talk to Geelani in J&K and Maoists in Bastar?: Mani Shankar Aiyar pic.twitter.com/h0VxroKk6U
— ANI (@ANI_news) July 8, 2017
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और माओवादियों से बात करने की भी वकालत की. उन्होंने कहा, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और नागा नेताओं से मुलाकात करने के लिए तैयार हैं तो फिर जम्मू-कश्मीर में गिलानी और बस्तर में माओवादी से बात क्यों नहीं कर सकते? आखिर पीएम मोदी यह दोहरी नीति क्यों दिखा रहे हैं.'
अगर वानी जिंदा होता तो उसके साथ बातचीत करता: सैफुद्दीन सोज
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैफुद्दीन सोज ने शुक्रवार (7 जुलाई) को मुंबई में कहा था कि अगर हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी को पिछले साल सुरक्षा बल मार नहीं देते तो वह उससे बातचीत करते. उन्होंने एक टीवी समाचार चैनल से कहा, 'बुरहान वानी को जीवित होना चाहिए था ताकि मैं उससे बातचीत कर पाता. मैं उसे बताता कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती का मजबूत सेतु बन सकता है और वह इसमें मददगार हो सकता है. लेकिन अब वह नहीं है.'
सोज के विवादास्पद बयान यहां ऑब्सर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा जम्मू कश्मीर में हालात विषय पर आयोजित एक सम्मेलन से इतर आये. वानी को सुरक्षा बलों ने पिछले साल आठ जुलाई को मार गिराया था. उसके मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शन हुए जो महीनों तक जारी रहे. उन्होंने कहा, 'जो मानते हैं कि वह शहीद था तो मानते रह सकते हैं और जो मानते हैं कि उसे मार गिराया गया तो वे ऐसा कर सकते हैं. घटना हो चुकी है. हमें भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती बढ़ानी चाहिए और कश्मीरियों के दर्द को समझना चाहिए.'
सोज ने कहा कि वानी सीमावर्ती राज्य में उग्रवाद का 'प्रतीक' था. उन्होंने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए अलगाववादियों से बातचीत शुरू करने की वकालत की. उन्होंने कहा, 'उग्रवाद से कैसे निपटा जाए? बातचीत के जरिये. मैं चाहता हूं कि सरकार हुर्रियत कांफ्रेंस से बातचीत करे. अगर आप हमसे बातचीत शुरू कर सकते हैं तो हुर्रियत से भी कीजिए.'