कांग्रेस की मुंबई इकाई ने शनिवार को शहर भर में ऐसे कुछ पोस्टर लगाए जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राफेल 'घोटाले' में एक 'भागीदार' बताया गया.
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मुंबई: कांग्रेस की मुंबई इकाई ने शनिवार को शहर भर में ऐसे कुछ पोस्टर लगाए जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राफेल 'घोटाले' में एक 'भागीदार' बताया गया. पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख संजय निरुपम ने कहा कि इकाई ने करीब 100 पोस्टर लगाए जिनके जरिए इस विवादित समझौते को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार फ्रांस से खरीदे गए 36 राफेल विमानों की कीमत का खुलासा करने से बचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. निरुपम ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई इस मुद्दे को लेकर सोमवार को एक प्रदर्शन करेगी.
तीन गुना ज्यादा दामों पर हो रही खरीद- कांग्रेस
निरुपम ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लोगों के सपनों और दुखों में ही भागीदार नहीं हैं बल्कि इस घोटाले में भी भागीदार हैं, जिसमें वह 36 राफेल विमानों को 2012 में यूपीए सरकार द्वारा तय की गई कीमतों से तीन गुना ज्यादा दामों पर खरीद रहे हैं. उद्योगपति अनिल अंबानी को गले लगाते हुए मोदी की एक तस्वीर वाले पोस्टरों पर लिखा था, 'चौकीदार नहीं, भागीदार.' निरुपम ने राफेल विमानों का अनुबंध अंबानी के रिलायंस डिफेंस को दिए जाने के सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए और कहा कि कंपनी को कोई अनुभव नहीं है. अनिल अंबानी ने इस हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर अनुभव न होने के आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि फ्रांस की कंपनी दशॉ द्वारा उनकी कंपनी को स्थानीय साझेदार के तौर पर चुने जाने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है.
तथ्यों को मानें तो, आरोप बेबुनियाद- बीजेपी
वहीं बीजेपी ने राफेल विमान सौदे पर कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्रियों और फ्रांस की सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है, जिससे कांग्रेस के आरोप गलत सिद्ध होते हैं. भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और रविशंकर प्रसाद ने तथ्य सामने रख दिये हैं और इस विषय पर फ्रांस की सरकार का रूख भी सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हताशा में इस तरह के आरोप लगा रही है जिसका कोई आधार नहीं है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, 'अर्ज किया है...बड़ी बेचैनी है उन महलों में जहां महफिलें रोज सजती थीं, अगस्ता..बोफोर्स जैसी डील होती थी, अब महफिलें उठ गईं, तो हर दिन तमाशा..शोर करते हैं, अपना दामन बचाने को मोदी पर निशाना रोज करते हैं.'
(इनपुट भाषा से)