'ट्रिपल तलाक बिल' पर इसलिए थी पीएम मोदी को जल्दी, कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने किया बड़ा खुलासा!
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'ट्रिपल तलाक बिल' पर इसलिए थी पीएम मोदी को जल्दी, कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने किया बड़ा खुलासा!

पीएम मोदी से उनकी मुलाकात का मकसद तीन तलाक के खिलाफ आने वाले बिल पर अपने विचार देना ही था.

राजीव गांधी के फैसले से नाराज होकर उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले मुस्लिम नेता आरिफ मोहम्मद खान (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश के बहुचर्चित मामलों में से एक शाहबानो केस में राजीव गांधी के फैसले से नाराज होकर उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले मुस्लिम नेता आरिफ मोहम्मद खान ने 'द प्रिंट' से हुई खास बातचीत में खुलासा किया है कि वे अक्टूबर के शुरुआती दिनों में पीएम मोदी से मिलने गए थे. पीएम मोदी से उनकी मुलाकात का मकसद तीन तलाक के खिलाफ आने वाले बिल पर अपने विचार देना ही था. शायद यही वजह है कि भाजपा सांसदों ने लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक पर बहस के दौरान आरिफ मोहम्मद खान की जमकर बड़ाई की थी.

  1. खान ने पीएम मोदी से मुलाकात करने की कोशिश सितंबर में भी की थी.
  2. सितंबर की नाकाम कोशिश के बाद आरिफ ने पीएम को एक चिट्ठी लिखी.
  3. चिट्ठी मिलने के अगले ही दिन पीएम ने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया.

आरिफ मोहम्मद खान ने 'दि प्रिंट' को बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात करने की कोशिश सितंबर में भी की थी जब यूपी के बहराइच जिले में तीन तलाक का एक मामला सामने आया था. उस वक्त आरिफ मोहम्मद से पीएम मोदी की मुलाकात नहीं हो सकी थी क्योंकि प्रधानमंत्री जापान के पीएम शिंजा आबे के दौरे की वजह से व्यस्त थे.

सितंबर की नाकाम कोशिश के बाद आरिफ ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी जो 6 अक्टूबर को पीएमओ पहुंची. जिसके अगले ही दिन पीएम मोदी ने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया. अपनी बातचीत के बारे में 'दि प्रिंट' को बताते हुए आरिफ ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री को कहा कि कानून के तहत तीन तलाक को संज्ञेय और सजा योग्य बनाया जाना चाहिए, क्योंकि गरीब मुस्लिम महिलाएं मुकदमे नही लड़ सकतीं."

आरिफ मोहम्मद खान ने 'दि प्रिंट' को बताया कि पीएम मोदी के साथ चली एक घंटे की मुलाकात में उनकी सलाह प्रधानमंत्री को जंच गई. मुलाकात के बाद उसी दिन शाम को आरिफ खान के पास कानून मंत्रालय का फोन पहुंचा. फोन के बाद अगले दिन कुछ अधिकारी आरिफ मोहम्मद से मिलने खासतौर पर उनके घर भी गए.

इस बात से तीन तलाक को लेकर परेशान हुए थे आरिफ
आरिफ मोहम्मद यूं तो इस प्रथा से पहले से ही नाराज थे. लेकिन 22 अगस्त को ट्रिपल तलाक पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी जब इस पर रोक नहीं लगी तो वे परेशान हो गए. पांच सितंबर को ऐसा ही एक मामला उनकी पुरानी लोकसभा क्षेत्र बहराइच से आया जिसने आरिफ मोहम्मद को तीन तलाक के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया.

खान ने इस बारे में 'दि प्रिंट' को बताया, "एक युवा महिला और पुरुष केरल से बहराइच लौट रहे थे, जहां पुरुष काम करता था. बहराइच का नजदीकी स्टेशन गोंडा है. वहीं पुरुष ने फोन कर महिला के पिता और भाई को बुलाया और कहा कि उनकी बेटी को उसने तीन तलाक दे दिया है. वे आकर अपनी बेटी-बहन को स्टेशन से ले जाएं."

आरिफ ने लड़के को खुद समझाने की काफी कोशिश की लेकिन वह नहीं माना. जिसके बाद आरिफ ने 13 सितंबर को पीएमओ में फोन कर पीएम मोदी से मिलने के लिए समय मांगा था. जापानी पीएम के भारत यात्रा पर होने से पीएम के साथ उनकी मुलाकात उस वक्त नहीं हो सकी थी. इसके बाद आरिफ मोहम्द ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी थी. 'दि प्रिंट' के मुताबिक आरिफ ने चिट्ठी में लिखा था, “1986 में हमने शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अप्रभावी बनाने के लिए एक कानून बनाया था. यदि आज हम कानून नहीं बनाएंगे, तो 2017 का फैसला अप्रभावी हो जाएगा और देश एक ऐसा शानदार मौका चूकेगा, जो पारिवारिक कानूनों में लैंगिक समानता और न्याय सुनिश्चित कर सके.”

राजीव गांधी ने पलटा था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
कांग्रेस ने 1986 की गर्मियों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट कर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी थी. आपको बता दें कि तत्कालीन राजीव गांधी की सरकार ने शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 1986 पारित किया था. इस अधिनियम के तहत शाहबानो को तलाक देने वाला पति मोहम्मद गुजारा भत्ता के दायित्व से मुक्त हो गया था. इसी फैसले से नाराज होकर आरिफ मोहम्मद खान ने राजीव कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.

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