कॉरपोरेट जासूसी : 6 आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ायी गयी
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कॉरपोरेट जासूसी : 6 आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ायी गयी

दिल्ली की एक अदालत ने आज पेट्रोलियम मंत्रालय दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार पांच कॉरपोरेट अधिकारियों सहित छह आरोपियों की हिरासत 19 मार्च तक बढ़ा दी।

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आज पेट्रोलियम मंत्रालय दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार पांच कॉरपोरेट अधिकारियों सहित छह आरोपियों की हिरासत 19 मार्च तक बढ़ा दी।

 

न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर छह आरोपियों को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल के सामने पेश किया गया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी जांच जारी है। इस पर अदालत ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी।

जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान मिले दस्तावेजों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ दस्तावेजों को छानबीन के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय भेजा गया है।

जांच अधिकारी ने कहा, ‘हम जांच में बरामद मोबाइल फोन और लैपटॉप के डाटा का आकलन कर रहे हैं।’’ सुनवाई के दौरान तीन आरोपियों - आरआईएल के शैलेष सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार और जुबिलेंट एनर्जी के सुभाष चंद्र ने जमानत याचिकायें दायर कीं जिन पर 11 मार्च को सुनवाई होगी।

इन तीनों आरोपियों के साथ ही रिलायंस एडीएजी के डीजीएम रिषि आनंद, केयर्न्‍स इंडिया के जीएम के के नाईक, रक्षा मंत्रालय में हाउस कीपिंग कर्मचारी वीरेंद्र कुमार को भी अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान आनंद की तरफ से पेश हो रहे वकील ने एक अर्जी दायर कर अपने बैंक कर्ज की ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल अदायगी के लिए न्यायिक हिरासत में चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति मांगी। अदालत ने उसका यह अनरोध स्वीकार कर लिया।  

 

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