विवाद की जड़: इन मामलों में फंसे हैं तेजस्वी यादव
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विवाद की जड़: इन मामलों में फंसे हैं तेजस्वी यादव

आइए जानते हैं तेजस्वी यादव पर लगे उन आरोपों के बारे में जिससे बिहार की राजनीति का पांसा ही उलट गया

लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे हैं तेजस्वी यादव.   (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: आरजेडी प्रमुख लालू यादव और उनके परिवार लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते तेजस्वी यादव से उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की जा रही थी. लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया. महागठबंधन पल भर में भरभरा गया.  

तेजस्वी पर बेमानी संपत्ति औऱ रेलवे टेंडर घोटाले में शामिल होने का आरोप है. हालांकि वे इसे पीएम मोदी और अमित शाह की साजिश करार देते हुए  इसे जानबूझ कर उन्हें फंसाने की साजिश बताते रहे. उन्होंने कहा था कि बीजेपी 28 साल के युवा से डर गई है. 

आइए जानते हैं तेजस्वी यादव पर लगे उन आरोपों के बारे में जिससे बिहार की राजनीति का पांसा ही उलट गया

बेनामी संपत्ति 
पिछले दो महीनों में बीजेपी नेता सुशील मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. बीते 16 मई को आयकर विभाग ने लालू प्रसाद यादव और उनसे जुड़े लोगों के 22 ठिकानों पर छापा मारा. इसमें तेजस्वी के नाम पर हुई संपत्तियों की लेन देन की भी जांच हुई. 

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बीजेपी नेता ने उन पर आरोप लगाया  था कि पटना में जहां लालू परिवार का मॉल बन रहा है, वह जमीन पार्टी नेता प्रेमचंद गुप्ता ने लालू के बेटों के नाम की है. प्रेम गुप्ता की कंपनी के पास इस मॉल का मालिकाना हक था और बाद में उसने इसे लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया गया. अब लालू ,उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव, बेटी मीसा और उनके पति शैलेश लगभग 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति के मामले में घिरे हैं. 

रेलवे टेंडर घोटाला
बीते साल सीबीआई की 27 अधिकारियों की टीम ने लालू प्रसाद यादव के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान राबड़ी देवी, उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव समेत 7 लोगों से घंटों पूछताछ की गई. इस जांच में सामने आया कि 2006 में जब लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे तब रांची और पुरी के होटलों में रखरखाव के लिए एक प्राइवेट कंपनी को टेंडर दिया गया जिसके बदले उन्हें तीन एकड़ की जमीन दी गई थी. इस मामले में लालू और उनके पुत्र तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों पर धोखाधड़ी और अपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज किया गया है. 

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