यह देश का पहला ऐसा युद्धपोत है जिसे बनाने में कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है.
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नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के बेड़ें में 16 अक्टूबर यानि आज एक अत्याधुनिक युद्धपोत आईएनएस किलटन शामिल हो गया है. यह युद्धपोत पानी के भीतर पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम है. सोमवार को कमिशनिंग सेरेमनी के दौरान रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण इसका उद्धाटन कर इसे नौसेना में शामिल किया. इस कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लान्बा और अन्य मेहमान भी मौजूद रहे.
नौसेना के नौसैनिक डॉकयार्ड से जारी बयान के मुताबित कमोरटा क्लास श्रेणी के चार युद्धपोत में से यह तीसरा है. इसे डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने आकार दिया है और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने इसका निर्माण किया है.
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बयान में कहा गया है कि देश आत्मनिर्भर होता जा रहा है. इसलिए 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय हितों को साधने के लिए घातक युद्धपोत का निर्माण किया गया है. शिवालिक क्लास, कोलकाता क्लास, आईएनएस कामोरता और आईएनएस कदमात के बाद आईएनएस किलटन देश का सबसे घातक युद्धपोत है. इस युद्धपोत में घातक हथियारों के साथ ही सेंसर भी लगाए गए हैं.
यह देश का पहला ऐसा युद्धपोत है जिसे बनाने में कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है. इससे जहाज का भार तो कम होता ही है रखरखाव करना भी आसान होता है. ये युद्धपोत भारी-भरकम टारपीडो और एएसडब्लू रॉकेटों से लैस है. इसमें 76 एमएम कैलिबर की मीडियम रेंज की बंदूक और दो मल्टी-बैरल 30 एमएम गन भी इसमें शमिल हैं. इसमें अग्नि नियंत्रण प्रणाली, मिसाइल तैनाती रॉकेट, एडवांस इलेक्ट्रानिक सपोर्ट मेजर सिस्टम सोनार और रडार रेवती भी लगाया गया है.