आय से अधिक संपत्ति केस में शशिकला दोषी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा; अब नहीं बन सकेंगी तमिलनाडु की सीएम
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आय से अधिक संपत्ति केस में शशिकला दोषी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा; अब नहीं बन सकेंगी तमिलनाडु की सीएम

सुप्रीम कोर्ट ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को मंगलवार को दोषी करार दिया। उच्चतम न्यायालय के अहम फैसले के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ओ पनीरसेल्वम के साथ उलझीं शशिकला का राजनीतिक भविष्य अब लगभग खत्‍म हो गया और उनके मुख्‍यमंत्री बनने का सपना भी टूट गया। शशिकला को 4 साल की सजा सुनाई गई है।

आय से अधिक संपत्ति केस में शशिकला दोषी, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा; अब नहीं बन सकेंगी तमिलनाडु की सीएम

नई दिल्ली/चेन्नई : सुप्रीम कोर्ट ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को मंगलवार को दोषी करार दिया। उच्चतम न्यायालय के अहम फैसले के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ओ पनीरसेल्वम के साथ उलझीं अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला का राजनीतिक भविष्य अब लगभग खत्‍म हो गया और उनके मुख्‍यमंत्री बनने का सपना भी टूट गया। इस केस में शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई है।

इसके साथ ही, शीर्ष कोर्ट ने 19 साल पुराने मुकदमे में उन्हें बरी करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया। इस मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता भी आरोपी थीं। उच्चतम न्यायालय ने बेंगलुरु की निचली अदालत के फैसले को पूरी तरह सही करार देते हुए उसे बहाल किया। निचली अदालत ने शशिकला के दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरण और इलावारसी सहित सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था।

न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को बेंगलुरु स्थित निचली अदालत में समर्पण करने तथा चार वर्ष कारावास की सजा का बचा हुआ हिस्सा पूरा करने का निर्देश दिया। इस फैसले के बाद शशिकला अब विधायक नहीं बन सकती हैं और ऐसे में वह मुख्यमंत्री भी नहीं बन सकेंगी। शशिकला को अब अदालत के सामने तत्‍काल सरेंडर करना होगा और उन्‍हें जेल जाना होगा। इस फैसले के बाद शशिकला अब 10 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगी।

शशिकला के अलावा सुधाकरन और इल्वरासी को 4 साल की कैद और 10-10 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को तुरंत सरेंडर करने के कहा है। अब उनके पास सिर्फ पुर्नविचार याचिका दायर करने का विकल्प है लेकिन उसमें भी समय लगेगा। जयललिता के दिवंगत हो जाने के चलते उनका मामला खत्म कर दिया गया है। अब शशिकला को 10 साल तक कोई राजनीतिक पद नहीं मिल पाएगा और न ही चुनाव लड़ पाएंगी। बता दें कि इस केस में शशिकला 6 महीने की सजा पहले काट चुकी हैं, ऐसे में उन्‍हें अब जेल में साढ़े तीन साल सजा के तौर काटनी होगी।

पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘ऑन रेकॉर्ड रखे गए दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर हम उच्च न्यायालय के फैसले और आदेश को दरकिनार करते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार देने वाले निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हैं।’ पीठ ने कहा, चूंकि जयललिता का निधन हो चुका है, इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही बंद की जाती है।

इस फैसले के साथ ही तमिलनाडु में चल रहे सत्ता संघर्ष को आज नई दिशा मिल गई और पनीरसेल्‍वम के मुख्‍यमंत्री बनने की संभावना अब ज्‍यादा हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए। शांति बनाए रखें। कोई कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश ना करे। कानून सभी के लिए बराबर है।

बता दें कि ये मामला करीब 21 साल पुराना साल 1996 का है, जब जयललिता के खिलाफ आय से 66 करोड़ रुपये की ज्यादा की संपत्ति का केस दर्ज हुआ था। इस केस में जयललिता के साथ शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया था। शशिकला के खिलाफ ये केस निचली अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

बता दें कि उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता और उनकी प्रमुख सहयोगी वी के शशिकला को सभी आरोपों से बरी कर दिया था जिसके बाद कर्नाटक सरकार और अन्य ने इस फैसले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष सात जून को मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया था।

जयललिता का निधन हो जाने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई समाप्त हो जाएगी लेकिन शशिकला, उनके रिश्तेदार वी एन सुधाकरण और इलावरासी को निचली अदालत ने दोषी साबित किया था लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया था। लंबे समय तक जयललिता की साथी रहीं शशिकला का राजनीतिक भविष्य पूरी तरह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर था। पांच फरवरी को अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुनी गयीं शशिकला दोषसिद्धि की स्थिति में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गई हैं और इस तरह मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा पर पानी फिर गया। शशिकला ने पिछले बृहस्पतिवार को सरकार बनाने का दावा किया था, तब से राज्यपाल ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं किया।

दूसरी ओर, उच्चतम न्यायालय की ओर से अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद तमिलनाडु में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। चेन्नई से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रिजॉर्ट में पुलिस की मौजूदगी खासतौर पर बढ़ा दी गई। शशिकला को समर्थन देने वाले विधायक पिछले कुछ दिनों से यहीं रह रहे हैं। शशिकला खुद भी रात को रिजॉर्ट में ही रुकी थीं। चेन्नई और राज्य के अन्य हिस्सों में पुलिस सड़कों पर अधिक चौकसी बरतते दिखी।

शीर्ष न्यायालय ने आज कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला को आरोप मुक्त कर दिया गया था। शीर्ष न्यायालय ने शशिकला को तत्काल आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। शशिकला को पांच फरवरी को विधायी दल की नेता चुना गया था। इस तरह उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त किया गया था। हालांकि दो दिन बाद पनीरसेल्वम ने उनके खिलाफ बगावत करते हुए कहा था कि उन्हें शशिकला के लिए रास्ता साफ करने की खातिर इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया। पिछले कुछ दिनों से प्रतिद्वंद्वी खेमों में आरोप-प्रत्यारोप जारी थे, इस बीच कुछ सांसद एवं विधायक शशिकला खेमे को छोड़ गए।

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