वायु सेना में 2016 से लड़ाकू पायलट बन सकेंगी महिलाएं, सरकार ने दी मंजूरी
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वायु सेना में 2016 से लड़ाकू पायलट बन सकेंगी महिलाएं, सरकार ने दी मंजूरी

सरकार ने शनिवार को एक ऐतिहासिक कदम के तहत भारतीय वायु सेना में महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करने को मंजूरी दे दी। यह पहली बार होगा जब महिलाएं देश के सशस्त्र बलों में लड़ाकू विमानों के पायलट की भूमिका में होंगी। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पहली महिला लड़ाकू पायलटों का चयन वर्तमान में वायुसेना एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहीं महिलाओं के बैच से किया जाएगा।

वायु सेना में 2016 से लड़ाकू पायलट बन सकेंगी महिलाएं, सरकार ने दी मंजूरी

नई दिल्ली : सरकार ने शनिवार को एक ऐतिहासिक कदम के तहत भारतीय वायु सेना में महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करने को मंजूरी दे दी। यह पहली बार होगा जब महिलाएं देश के सशस्त्र बलों में लड़ाकू विमानों के पायलट की भूमिका में होंगी।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पहली महिला लड़ाकू पायलटों का चयन वर्तमान में वायुसेना एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहीं महिलाओं के बैच से किया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा, ‘यह प्रगतिशील कदम भारतीय महिलाओं की आकांक्षाओं के मद्देनजर और विकसित देशों के सशस्त्र बलों में समकालीन चलन के अनुरूप उठाया जा रहा है।’ इसने कहा कि भारतीय वायुसेना की परिवहन और हेलीकॉप्टर इकाइयों में शामिल रहीं महिलाओं का प्रदर्शन ‘सराहनीय’ और अपने पुरुष सहकर्मियों जैसा रहा है।

मंत्रालय ने कहा, ‘महिलाओं को लड़ाकू इकाई में शामिल करने से उन्हें लड़ाकू भूमिकाओं में भी अपना साहस साबित करने का समान अवसर मिलेगा।’ योजना के अनुसार पहली महिला लड़ाकू पायलटों का चयन वर्तमान में वायुसेना एकेडमी में उड़ान प्रशिक्षण ले रहीं महिलाओं के बैच से किया जाएगा।

सफल प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद उन्हें जून 2016 में लड़ाकू इकाई में शामिल किया जाएगा।

उसके बाद उन्हें एक साल के उच्च श्रेणी के प्रशिक्षण से गुजरना होगा और जून 2017 तक वे लड़ाकू विमान के कॉकपिट में प्रवेश करेंगी।

वर्तमान में भारतीय सेना महिलाओं को सिग्नल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन :एयर ट्रैफिक कंट्रोल:, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रानिक्स और मेकैनिकल इंजीनियर्स कोर, आर्मी एजुकेशन कोर तथा जज-एडवोकेट जनरल्स ब्रांच..कैडर में शामिल करती है ।

भारतीय नौसेना महिलाओं को जज-एडवोकेट जनरल्स, लॉजिस्टिक्स, ऑब्जर्वर, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, नेवल कंस्ट्रक्टर और एजुकेशन ब्रांच..कैडरों में भर्ती होने का अवसर प्रदान करती है।

हालांकि इसने महिलाओं को अपने टोही विमानों के पायलटों के बेड़े में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।

महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करने के फैसले से अब वे भारतीय वायु सेना की सभी शाखाओं में शामिल होने के योग्य हो गई हैं।

भारतीय वायुसेना वर्तमान में महिलाओं को उड़ान शाखा के ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर बेड़े, नैविगेशन, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, प्रशासन, लॉजिस्टिक्स, एकाउंट्स, शिक्षा एवं मौसम विज्ञान शाखाओं में भर्ती होने का मौका देती है।

बयान में कहा गया कि मंत्रालय ने महिलाओं को सशस्त्र बलों में शॉर्ट सर्विस कमीशन और स्थाई कमीशन दोनों में शामिल करने के विषय की समग्र समीक्षा की है तथा इसे अंतिम रूप मिलने पर देश के सशस्त्र बलों की और भी शाखाओं में महिलाओं के शामिल होने का मार्ग खुलेगा। वायुसेना में वर्तमान में 1,500 महिला कर्मी हैं। इनमें से 94 पायलट और 14 नैविगेटर हैं।

कदम वैश्विक चलन के अनुरूप है और इससे भारतीय वायुसेना को अपनी लड़ाकू विमान शाखा में अधिकारियों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर सशस्त्र बलों में महिलाओं की अधिक व्यापक भूमिका के पक्षधर थे, लेकिन कहा था कि इसमें कुछ समय लगेगा।

पर्रिकर ने 12 अक्तूबर को कहा था, ‘यह चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। यह तत्काल नहीं हो पाएगा।’ उन्होंने यह भी कहा था कि महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करने पर अंतिम अधिसूचना में भी कुछ समय लगेगा।

उन्होंने यह भी रेखांकित किया था कि संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना में महिलाएं भी लड़ाकू पायलट हैं जिन्होंने आईएसआईएस के ठिकानों को निशाना बनाया था।

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