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Disproportionate Assets Cases: दिल्ली की एक अदालत ने हरियाणा (Haryana) के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में शनिवार को दोषी करार दिया. विशेष न्यायाधीश विकास ढुल (Vikas Dhull) ने फैसला सुनाते हुए अगली सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख तय की. उस दिन सजा पर दोनों पक्षों की बहस होगी. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने वर्ष 2005 में एफआईआर दर्ज की थी.
एजेंसी ने 26 मार्च 2010 को आरोप-पत्र दाखिल किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चौटाला की 6.09 करोड़ की संपत्ति वर्ष 1993 से 2006 के बीच उनके आय के वैध स्रोतों (Legitimate Sources) की तुलना में बहुत अधिक है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) 26 मई को चौटाला के सजा की मात्रा पर दलीलें सुनेगा. आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में कोर्ट ने 19 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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मई 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने नई दिल्ली, पंचकुला और सिरसा में स्थित पूर्व मुख्यमंत्री की 3.6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी. उन्हें जनवरी 2013 में जेबीटी घोटाले (JBT Scam) में भी दोषी ठहराया गया था. 2008 में चौटाला और 53 अन्य पर 1999 से 2000 के दौरान हरियाणा में 3,206 जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरोप लगाए गए थे. जनवरी 2013 में एक अदालत ने ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला (Ajay Singh Chautala) को आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी.
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चौटाला को 3,000 से अधिक अयोग्य शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने का दोषी पाया गया था. हालांकि पैरोल पर बाहर चौटाला को 2 जुलाई 2021 को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से उचित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 10 साल की जेल की सजा से रिहा कर दिया गया था. वह 1989 से 2005 के बीच चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे. उनके पोते दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) हरियाणा के उपमुख्यमंत्री हैं.
(इनपुट - भाषा)
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