योगेंद्र और प्रशांत की बैठक से दूर रहे AAP नेता, लिखित बयानों के जरिए कुछ दिग्गजों ने दिखाई एकजुटता
Advertisement

योगेंद्र और प्रशांत की बैठक से दूर रहे AAP नेता, लिखित बयानों के जरिए कुछ दिग्गजों ने दिखाई एकजुटता

आम आदमी पार्टी के कई नेता और प्रमुख हस्तियां हाल में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए गए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के सम्मेलन से दूर रहे और इसकी बजाए लिखित बयानों के जरिए उनके साथ एकजुटता दिखायी।

योगेंद्र और प्रशांत की बैठक से दूर रहे AAP नेता, लिखित बयानों के जरिए कुछ दिग्गजों ने दिखाई एकजुटता

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के कई नेता और प्रमुख हस्तियां हाल में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए गए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के सम्मेलन से दूर रहे और इसकी बजाए लिखित बयानों के जरिए उनके साथ एकजुटता दिखायी।

पूर्व में दोनों नेताओं का पक्ष लेने के लिए पार्टी की नाराजगी झेल चुके पटियाला के आप सांसद धर्मवीर गांधी ने एक पत्र में पार्टी के मूल आदर्शों को मजबूत करने की दिशा में काम करने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘इस चुनौतीपूर्ण समय में पार्टी के मूल आदर्श और मूलभूत सिद्धांतों के साथ मजबूती से खड़े होने और वैकल्पिक राजनीति का प्रतीक बन चुकी आप के भटकाव को रोकने के लिए सभी वैचारिक एवं संगठनात्मक मुद्दों पर निष्पक्ष तरीके से बहस करने की जरूरत है।’’ स्वयंसेवकों को संबोधित पत्र में उन्होंने साथ ही उन्हें याद दिलाया कि पार्टी के फैसलों को लेकर एक वाचडॉग की भूमिका निभाना उनका ‘अधिकार’ है और वे आप में किसी भी एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि पार्टी के आदशरें के लिए हैं।
गांधी ने अपने पुतले जलाने और ‘गद्दार’ करार देने समेत अपने खिलाफ एक नकारात्मक प्रचार शुरू किए जाने का आरोप लगाया।

इस बीच, राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर की गयी क्रिस्टीना सामी, सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॉय एवं हाल में आप छोड़ने वाली मेधा पाटकर भी गुड़गांव में हुई बैठक से नदारद रहीं। क्रिस्टीना ने अपने संदेश में कहा, ‘मैं स्वराज की इस लड़ाई में आप सबके साथ हूं।’ चेन्नई के एक आप कार्यकर्ता ने बैठक में उनका संदेश पढ़ा।

वहीं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने अरूणा रॉय का संदेश पढ़ते हुए कहा कि वह खुद आप से ‘नहीं हैं और ना ही कभी थे।’ अरूणा ने अपने संदेश में कहा, ‘हमें सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी की लोकतंत्र में पूरी हिस्सेदारी हो। वैकल्पिक राजनीति को जवाबदेह, पारदर्शी और लोगों के सवालों का जवाब देने वाला होना चाहिए।’ वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने भी एक संदेश में कहा कि भूषण और यादव जैसे लोगों को ‘अपमानित’ करना एक बड़ी गलती थी।

Trending news