लोकसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा में शामिल होंगे कुमार विश्वास? AAP ने भेजा न्योता
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लोकसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा में शामिल होंगे कुमार विश्वास? AAP ने भेजा न्योता

कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के रिश्तों में आई दरार अब खाई का रूप ले चुकी है. दोनों नेताओं में पिछले दिनों एक लंबा वाकयुद्ध भी चला था.

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नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने अगले साल निर्धारित लोकसभा चुनाव समय से पहले कराये जाने की आशंका को देखते हुये चुनावी रणनीति बनाने के लिये पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनई) की रविवार को बैठक बुलाई है. खास बात ये है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास को भी न्योता भेजा गया है. अब सभी की निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि रविवार को होने वाली इस बैठक में कुमार शामिल होंगे या नहीं, क्योंकि पार्टी और कुमार विश्वास के बीच संबंधों में आई दरार अब खाई बन चुकी है. मुख्यमंत्री और कुमार के बीच वाकयुद्ध काफी चर्चा में रह चुका है. इतना ही नहीं पार्टी ने कुमार को सभी महत्वपूर्ण पदों से भी हटा दिया है.

'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में होने वाली एनई की बैठक में सभी राज्यों की पार्टी इकाइयों के संयोजक और कार्यकारिणी के लगभग दो दर्जन सदस्य समय से पहले लोकसभा चुनाव कराये जाने की स्थिति में पार्टी की रणनीति पर विचार करेंगे. कार्यकारिणी के सदस्यों में केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हैं. 'आप' के प्रवक्ता पंकज गुप्ता ने बताया कि विश्वास सहित सभी सदस्यों को कल की बैठक में आमंत्रित किया गया है.

सूत्रों के अनुसार कार्यकारिणी की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी संगठन के लिहाज से मजबूत माने जाने वाले राज्यों दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के मुद्दे पर भी विचार विमर्श होगा. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन 'आप' के साथ गठबंधन की संभावनाओं को पहले ही सिरे से खारिज कर चुके हैं लेकिन दोनों पार्टियों के एक धड़े का दावा है कि इस दिशा में कांग्रेस हाईकमान के साथ बातचीत का सिलसिला जारी है.

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कार्यकारिणी की बैठक से पहले केजरीवाल के घर पर ही 'आप' की दिल्ली के संगठन की भी एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. केजरीवाल की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय के अलावा पार्टी के सभी विधायक, दिल्ली से तीनों राज्यसभा सदस्य और सभी विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी के प्रभारी हिस्सा लेंगे. इस बैठक में दिल्ली को पूर्ण राय का दर्जा देने की मांग को जनता के बीच ले जाने की रणनीति तय की जाएगी.

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सूत्रों के अनुसार प्रदेश संगठन की बैठक में इस बात पर भी चर्चा की जायेगी कि लोकसभा चुनाव इस साल के अंत में कराए जाने की स्थिति में दिल्ली में भी विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव कराना कितना मुफीद होगा. दरअसल 'आप' दिल्ली को पूर्णराज्य का दिलाने की मांग को मुख्य मुद्दा बनाना चाहती है. साथ ही लाभ के पद के मामले में 'आप' के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की शिकायत पर चुनाव आयोग द्वारा कभी भी फैसला सुनाये जाने की स्थिति में इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव की संभावनाओं के मद्देनजर पार्टी अभी से भविष्य की रणनीति बनाने में जुट गई है.

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार को काम नहीं करने देने के बार-बार आरोप लगा रहे केजरीवाल की सरकार ने पूर्ण राज्य के मुद्दे पर ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस मुद्दे पर सदन में जारी बहस को पूरा कराने और सदन से इस बारे में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कराने के लिये आज सत्र की कार्यवाही को एक दिन के लिये बढ़ाने का फैसला किया है.

कांग्रेस के साथ गठबंधन, 'आप' के 20 विधायकों के मामले में चुनाव आयोग के नकारात्मक फैसले की आशंका और समय पूर्व चुनाव की संभावनाओं के मद्देनजर तेजी से बदले दिल्ली के राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुये कल केजरीवाल की अध्यक्षता में होने वाली आप की दोनों बैठकें अहम हो गई है.

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