उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता आशुतोष ने बीते 15 अगस्त को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
Trending Photos
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी से अलग होने के बाद आशुतोष ने पहली बार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली इस पार्टी पर खुलेआम हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जब उन्हें चांदनी चौक से बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा था, तब उन पर अपने नाम के आगे 'सरनेम' लगाने का दवाब बनाया गया था, जबकि उन्होंने अपने 23 साल के पत्रकारिता करियर में ऐसा कभी नहीं किया. उन्होंने इसे पार्टी की वोटबैंक और कास्ट की पॉलिटिक्स बताया. आशुतोष ने ट्वीट कर 'आप' पर निशाना साधा.
53 वर्षीय पूर्व आप नेता ने बुधवार सुबह ट्वीट कर कहा, 'मेरे पत्रकारिता के 23 सालों के करियर में किसी ने मेरी जाति और सरनेम नहीं पूछा. सभी मुझे मेरे नाम से जानते हैं. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मुझे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलवाया गया तो मेरे विरोध के बावजूद मेरे सरनेम का उल्लेख किया गया था. बाद में मुझे कहा गया कि सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं'.
In 23 years of my journalism, no one asked my caste, surname. Was known by my name. But as I was introduced to party workers as LOKSABHA candidate in 2014 my surname was promptly mentioned despite my protest. Later I was told - सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहाँ काफी वोट हैं ।
— ashutosh (@ashutosh83B) August 29, 2018
My tweet is misunderstood by TV HAWKS. I am no longer with AAP, not constrained by party discipline and free to express my views. It will be wrong to attribute my words as attack on AAP. It will be gross manipulation of media freedom. Spare me. I not member of anti-AAP BRIGADE.
— ashutosh (@ashutosh83B) August 29, 2018
हालांकि इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि मेरा ट्वीट टीवी HAWKS द्वारा गलत समझा गया है. मैं अब आप के साथ नहीं हूं, पार्टी अनुशासन से बाध्य नहीं हूं और अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हूं. मेरे शब्दों को आप पर हमले के रूप में कहना गलत होगा. यह मीडिया का हेरफेर है. मुझे छोड़ दो. मैं आप के खिलाफ ब्रिगेड का सदस्य नहीं हूं.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने आशुतोष को चांदनी चौक लोकसभा सीट से बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा था. यहां उनके सामने भाजपा के डॉ. हर्षवर्धन मैदान में थे, जिनसे उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता आशुतोष ने बीते 15 अगस्त को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारण को बताया. आशुतोष ने ट्वीट कर इस्तीफे का ऐलान किया.
ये भी पढ़ें- आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देते हुए बीजेपी-आरएसएस के लिए ये क्या बोल गए आशुतोष
उन्होंने ट्वीट में पत्रकारों से कहा कि वे इस मसले पर किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे. आशुतोष ने कहा कि हर यात्रा का एक अंत होता है. आपके साथ यात्रा बेहद क्रांतिकारी और खूबसूरत रहा. मैं इस्तीफा देते हुए पार्टी की कार्यकारिणी परिषद से आग्रह करता हूं कि वे इसे स्वीकार करें मैंने विशुद्ध निजी कारणों से यह फैसला लिया है. इस यात्रा के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी कार्यकर्ता के प्रति आभार प्रकट करता हूं. इसके साथ ही आशुतोष ने मीडिया की कि कृपया मेरी निजता का सम्मान करें, क्योंकि मैं इस संदर्भ में किसी भी प्रकार को कोई और बयान नहीं दूंगा.
दरअसल, इस साल की शुरुआत में दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी की तरफ से उनको प्रबल दावेदारों की सूची में गिना जाता था, लेकिन अंत में उन्हें जगह नहीं मिली. सूत्रों का कहना है कि इस घटना के बाद से ही वह पार्टी में हाशिए पर माने जा रहे थे. राज्यसभा चुनावों के मसले पर ही उसके बाद कुमार विश्वास ने बगावत कर दी थी. अब आशुतोष के इस्तीफे को उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है.