इस एमओयू पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), मानव संसाधन मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से हस्ताक्षर किया जाना है.
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नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय को एक खत लिखकर कहा है कि वह फंड को जारी करने के संदर्भ में एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करें या फिर अनुदान गवांए.
इस एमओयू पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), मानव संसाधन मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से हस्ताक्षर किया जाना है. यह सहमति पत्र सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों के लिये रकम जारी करने से जुड़ा है, जहां विश्वविद्यालयों को निधि सृजन के उपायों जैसे फीस बढ़ोतरी, हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (एचईएफए) से कर्ज लेने की इच्छा की जानकारी देनी थी.
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘‘विश्वविद्यालय ने 27 सितंबर को कार्यकारी परिषद की एक बैठक बुलाई है. इस दौरान मसौदा सदस्यों के सामने रखा जाएगा.
एमओयू कहता है कि विश्वविद्यालयों को प्रदर्शन के मानक बताने होंगे, कार्यक्रमों के विवरण के संदर्भ में काम का लक्ष्य और इन्हें हासिल करने के लिये कार्य योजना तथा समझौते व अन्य की निगरानी के बारे में बताता है. विश्वविद्यालय द्वारा जून की समयसीमा चूकने के बाद उसने मंत्रालय को लिखकर बताया कि इसे कार्यकारी परिषद की बैठक में मंजूर किया जाएगा.