दिल्ली में और पुलिसकर्मियों की भर्ती पर पैर पीछे खींच रही है केंद्र सरकार: हाई कोर्ट
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दिल्ली में और पुलिसकर्मियों की भर्ती पर पैर पीछे खींच रही है केंद्र सरकार: हाई कोर्ट

महिलाओं पर बढ़ते हुए हमलों के बाद शहर में सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां पुलिस में और अधिक जवानों को शामिल करने से ‘कदम पीछे खींचने पर’ आज केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और उसे चार सप्ताह के अंदर अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया।

नयी दिल्ली : महिलाओं पर बढ़ते हुए हमलों के बाद शहर में सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां पुलिस में और अधिक जवानों को शामिल करने से ‘कदम पीछे खींचने पर’ आज केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और उसे चार सप्ताह के अंदर अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया कि दिल्ली पुलिस में 16,000 जवानों की भर्ती के प्रस्ताव का अध्ययन किया जाए और आज से चार सप्ताह के अंदर फैसला लिया जाए। अदालत को सूचित किया गया था कि इस संबंध में गृह मंत्रालय सभी प्रस्तावों को मंजूर कर चुका है।

राष्ट्रीय राजधानी में 44 चिह्नित संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने के संबंध में दिल्ली सरकार ने पीठ को बताया कि परियोजना पर करीब 404 करोड़ रपये खर्च होंगे और उसे फिलहाल गृह मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है। इसके बाद अदालत ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि सीसीटीवी कैमरे लगाने में हुई प्रगति के संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए। गृह मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल संजय जैन और स्थाई वकील विवेक गोयल पक्ष रख रहे थे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कैमरे लगाये जाते समय लोगों की निजता का भी ध्यान रखना जरूरी है।

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