दिल्ली को सस्ती बिजली देने के लिए कोयला ब्लॉक के लिए बोली लगाएगी केजरीवाल सरकार
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दिल्ली को सस्ती बिजली देने के लिए कोयला ब्लॉक के लिए बोली लगाएगी केजरीवाल सरकार

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोयला ब्लॉकों के लिए बोली लगाने का फैसला किया है। इसके पीछे उसका मकसद नए बिजली संयंत्र लगाना और खुद के बिजली उत्पादन को 1,000 मेगावॉट से 4,000 मेगावॉट पर पहुंचाना है।

दिल्ली को सस्ती बिजली देने के लिए कोयला ब्लॉक के लिए बोली लगाएगी केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली : दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोयला ब्लॉकों के लिए बोली लगाने का फैसला किया है। इसके पीछे उसका मकसद नए बिजली संयंत्र लगाना और खुद के बिजली उत्पादन को 1,000 मेगावॉट से 4,000 मेगावॉट पर पहुंचाना है।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार इस बारे में केंद्र को पत्र लिखकर उसके विचार पूछेगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार की योजना खुद का ताप बिजली संयंत्र लगाने की है, जिससे बिजली की बढ़ती मांग पूरी की जा सके। पिछले साल गर्मियों में दिल्ली में बिजली की मांग 6,000 मेगावॉट पर पहुंच गई थी।

आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने चुनावी घोषणापत्र में दिल्ली को बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का वादा किया है। फिलहाल दिल्ली सरकार के बिजली संयंत्रों का उत्पादन 1,000 मेगावॉट है। दिल्ली सरकार ने बवाना में 4,500 करोड़ रुपए की लागत से गैस आधारित बिजली संयंत्र लगाया है। गैस की कमी की वजह से इस संयंत्र से हालांकि अभी उत्पादन मात्र 300 मेगावॉट है।

दिल्ली को केंद्र के कोटा के तहत एनटीपीसी सहित विभिन्न बिजलीघरों से 3,500 मेगावॉट बिजली मिलती है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुमान के अनुसार 2017 तक दिल्ली में बिजली की मांग बढ़कर 8,700 मेगावॉट पर पहुंच जाएगी। दिल्ली सरकार को हरियाणा के साथ 2006 में मध्य प्रदेश में कोयला ब्लॉक दिया गया था।

दिल्ली सरकार नियामकीय अड़चनों की वजह से मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के मारा दो महान ब्लॉक से उत्खनन शुरू नहीं कर पाई थी। यह ब्लॉक मुख्य रूप से दिल्ली व हरियाणा को हरियाणा के झज्जर बिजली संयंत्र के लिए कोयले की आपूर्ति को दिया गया था।

 

 

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