दाती महाराज की खोज में राजस्थान पहुंची पुलिस, पाली स्थित आश्रम में छापेमारी
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दाती महाराज की खोज में राजस्थान पहुंची पुलिस, पाली स्थित आश्रम में छापेमारी

क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी बाबा का सुराग जुटाने के लिए सोजत पुलिस स्टेशन भी गई. टीम ने यहां पीड़िता और उसके पिता से भी मुलाकात की. 

स्वयंभू बाबा दाती महाराज पर उन्हीं की एक शिष्या ने रेप का आरोप लगाया है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : बलात्कार के आरोप में फरार चल रहे दाती महाराज की खोजबीन में दिल्ली पुलिस ने रविवार को राजस्थान में कई स्थानों पर छापेमारी की. पुलिस ने दाती महाराज के पाली स्थित आश्रम में भी खोजबीन की. क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी बाबा का सुराग जुटाने के लिए सोजत पुलिस स्टेशन भी गई. क्राइम ब्रांच की टीम ने यहां पीड़िता और उसके पिता से भी मुलाकात की. 

पाली स्थित सोजत रोड पर दाती महाराज का आश्रम बना हुआ है. यहां पुलिस ने कई घंटे छानबीन की और कुछ साक्ष्य भी जुटाए. पीड़िता ने दाती महाराज पर दिल्ली और पाली स्थित आश्रम में यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं. दाती महाराज के अलावा उनके 4 अन्य शिष्यों पर भी रेप का आरोप लगाया गया है. सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस के साथ पीड़िता भी थी.

इससे पहले क्राइम ब्रांच ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज के छतरपुर आश्रम में भी छापेमारी की थी. क्राइम ब्रांच ने इस हफ्ते की शुरुआत में मामले की जांच जिला पुलिस से अपने हाथ में ली थी. दाती महाराज पर 25 वर्षीय एक युवती ने बलात्कार का आरोप लगाया है. युवती ने रविवार को फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद मामले को अपराध शाखा को हस्तांतरित किया गया.

पुलिस ने 13 जून को युवती से पूछताछ की थी और मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज कराया था. साथ ही उन्होंने दाती महाराज के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया ताकि वह देश छोड़कर न जा सके. महिला ने बताया कि वह एक दशक तक दाती महाराज की शिष्य रही लेकिन बाबा और उसके दो चेलों द्वारा बलात्कार किए जाने के बाद वह अपने घर राजस्थान लौट आई थी. वह करीब दो साल पहले आश्रम से भाग गई थी और लंबे समय से अवसाद में थी. अवसाद से उबरकर उसने अपने माता-पिता को पूरी बात बताई जिन्होंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई. 

मदन लाल से बना दाती महाराज
दाती महाराज का असली नाम मदन लाल है और वह राजस्थान के पाली जिले के अलावास गांव का रहने वाला है. बताते हैं कि मदन लाल पिता देवाराम गा-बजा कर अपना परिवार चलाते थे. बचपन में ही मदन लाल के माता-पिता की मौत हो गई थी. गांव के ही एक शख्स के साथ मदन लाल दिल्ली आ गया और चाय की दुकान पर काम करना शुरू किया. इसके बाद उसने कैटरिंग का काम सीख लिया. और कुछ समय बाद खुद का कैटरिंग का काम शुरू कर दिया. मदन लाल के करीबी बताते हैं कि 1996 में वह राजस्थान के एक ज्योतिषी के करीब आया और उससे उसने जन्मकुंडली बनाना और ज्योतिषी सिखा. दिल्ली की कैलाश कॉलोनी में उसने अपना ज्योतिष केंद्र खोल लिया और बन गया दाती महाराज. 

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