दिल्ली एयर एंबुलेस हादसा: सूझबूझ दिखाने वाले पायलट कैप्टन अमित बोले- 'लैंड कराने का फैसला मैने सिर्फ 15 सेकेंड में लिया'
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दिल्ली एयर एंबुलेस हादसा: सूझबूझ दिखाने वाले पायलट कैप्टन अमित बोले- 'लैंड कराने का फैसला मैने सिर्फ 15 सेकेंड में लिया'

से दिल्ली जा रही एयर एंबुलेंस की मंगलवार को नजफ़गढ़ के पास एक एयर एंबुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग की गई। पायलट कैप्टन अमित कुमार ने सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी में प्लेन को खैर गांव के खेत में उतारा। अमित ने बताया कि किस तरह से उन्होंने सात जिंदगियां बचाईं थी।

दिल्ली एयर एंबुलेस हादसा: सूझबूझ दिखाने वाले पायलट कैप्टन अमित बोले- 'लैंड कराने का फैसला मैने सिर्फ 15 सेकेंड में लिया'

नई दिल्ली: पटना से दिल्ली जा रही एयर एंबुलेंस की मंगलवार को नजफ़गढ़ के पास एक एयर एंबुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग की गई। पायलट कैप्टन अमित कुमार ने सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी में प्लेन को खैर गांव के खेत में उतारा। अमित ने बताया कि किस तरह से उन्होंने सात जिंदगियां बचाईं थी।

पायलट कैप्टन अमित कुमार ने बताया- 'लैंड कराने का फैसला मैने सिर्फ 15 सेकेंड में लिया। मेरे दिमाग में सिर्फ दो ही चीजें चल रही थीं। पहला-जमीन पर लोगों को बचाना और दूसरा मेरी फैमली। यह हादसा भले ही मैं जिंदगी भर ना  भूल पाऊं लेकिन, मैं दुबारा विमान फिर उड़ाऊंगा। हम आईजीआई एयरपोर्ट के रन-वे 28-10 से महज दस मिनट की दूरी पर थे। करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर एयर एम्बुलेंस के एक इंजन ने काम करना बंद कर दिया। मैंने प्लेन की ऊंचाई कम करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल से इमरजेंसी लैंडिंग की मांग की, लेकिन इस प्रोसेस में समय लगता है।हम करीब तीन हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे ही थे कि प्लेन के दूसरे इंजन ने भी काम करना बंद कर दिया। रन-वे अब हमसे महज 5 मिनट की दूरी पर था।'

कैप्टन अमित कुमार ने बताया, 'दोनों इंजन बंद होने पर मैं अब रन-वे तक पहुंचने का जोखिम नहीं उठा सकता था। कोई ऑप्शन नहीं था।मुझे डर था कहीं विमान एयरपोर्ट के रिहायशी इलाके में ना गिर जाए। ऐसा होने पर हमारी जान तो जाती ही, साथ ही जाने कितने अन्य लोग भी मारे जाते।चूंकि मैं कई सालों से दिल्ली के द्वारका इलाके में परिवार के साथ रहने के चलते एयरपोर्ट के पास रिहायशी इलाकों के बारे को जानता हूं।मेरे दिमाग में नजफगढ़ इलाके की खाली जमीन का ख्याल आया।मैंने सभी लोगों को बताया कि हम खाली जगह पर इमरजेंसी लैंडिंग कर रहे हैं। एयर एंबुलेंस सड़क छूते हुए खेतों में चली गई। कुछ दूर जाने पर एयर एम्बुलेंस रुक गई।'

गौरतलब है कि अलकेमिस्‍ट एयरवेज के इस प्लेन में सात लोग सवार थे, इनमें से एक न्‍यूरोलॉजी (तंत्रिका तंत्र) संबंधी बीमारी से ग्रस्त एक मरीज भी था जिसे गुड़गांव के मेदांता अस्पताल ले जाया जा रहा था।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने हादसे की जांच शुरू की है। राहत की बात यह रही कि हादसे के दौरान किसी की भी मौत नहीं हुई और ज्‍यादातर यात्री खुद प्लेन के बाहर जाने में सक्षम थे। जिस मरीज को लाया जा रहा था, उसे भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन उसके सहायक को मामूली चोट आई।

 

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