आप सरकार का दावा- पिछले साढ़े तीन साल में 22000 सामुदायिक शौचालय बनाए गए
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आप सरकार का दावा- पिछले साढ़े तीन साल में 22000 सामुदायिक शौचालय बनाए गए

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 2015 में उसके सत्ता में आने के बाद से करीब 22000 सामुदायिक शौचालय बनाये गये हैं. 

सरकार ने एक बयान में कहा कि तीन नये जन सुविधा परिसरों में हरेक पर करीब 32 लाख रुपये खर्च हुए.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 2015 में उसके सत्ता में आने के बाद से करीब 22000 सामुदायिक शौचालय बनाये गए हैं. शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने  तीन ‘जन सुविधा परिसरों’ का उद्घाटन भी किया. सरकार के अनुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बार्ड ने फरवरी, 2015 से 22000 सामुदायिक शौचालय बनवाए हैं.  फरवरी, 2015 में ही आप सत्तासीन हुई थी. शकूरबस्ती में झुग्गी झोपड़ी बस्ती में 30-30 सीटों वाले तीन शौचालय परिसरों का उद्घाटन किया गया.

वहां 1500 झुग्गियां हैं. सरकार ने एक बयान में कहा कि तीन नये जन सुविधा परिसरों में हरेक पर करीब 32 लाख रुपये खर्च हुए.  उनमें विकलांगों, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग अलग शौचालय हैं. यह जनसुविधा नि:शुल्क है. 

खुले में शौच की समस्या से पांच और राज्य मुक्त घोषित
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के शहरी इलाकों को खुले में शौच (ओडीएफ) की समस्या से मुक्त घोषित किया गया है. स्वच्छ भारत अभियान के आज तीन साल पूरे होने पर आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन पांच राज्यों के सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौच की समस्या से मुक्त घोषित किया. गुजरात, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ के शहरी क्षेत्र पहले ही यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. वहीं हरियाणा और उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों को गत जून में ओडीएफ घोषित किया गया था.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पुरी ने अन्य राज्यों से भी इस लक्ष्य को हासिल करने का आह्वान करते हुये कहा कि जीवन शैली में बदलाव कर देश को गंदगी से मुक्त किया जा सकता है. देश के शहरी इलाकों में स्वच्छता के मोर्चे पर हासिल की गयी अहम उपलब्धियों का जिक्र करते हुये उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 1472 शहरों के 4041 कस्बों को खुले में शौच की समस्या से मुक्त बना दिया गया है. पुरी ने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत शहरी इलाकों के 66 लाख घरों में शौचालय बनवाने का लक्ष्य तय किया गया था. इनमें से 38 लाख शौचालय बन गये हैं और 14 लाख शौचालयों का निर्माणकार्य जारी है. इसके अलावा देश भर में पांच लाख सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय निर्मित करने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ते हुये दो लाख शौचालय निर्मित हो चुके हैं.

पुरी ने कहा कि गंदगी की समस्या से निपटने के लिये ठोस कचरा प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित किया गया है. इससे शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों द्वारा एकत्रित कचरे से 50 लाख टन खाद और 500 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने एक पखवाड़े से चल रहे स्वच्छता ही सेवा अभियान के आज समापन पर कहा कि सफाई, देश के हर नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार होने के साथ सफाई बनाये रखने का दायित्व भी है.पुरी ने बताया कि इस अभियान में शहरी क्षेत्रों में आयोजित 3.50 लाख विभिन्न गतिविधियों में 80 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किये गये स्वच्छ भारत अभियान को कामयाब बनाने के लिये लोगों से जीवन शैली में बदलाव करने की जरूरत पर बल दिया.

इनपुट भाषा से भी 

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