Trending Photos
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने डीएनडी (दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट) फ्लाईओवर को टोल फ्री किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए फिलहाल इसे जारी रखने का आदेश दिया है। डीएनडी फ्लाईओवर को सुप्रीम कोर्ट ने टोल फ्री जारी रखने के आदेश दिए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सीएजी को टोल कंपनी के खातों की जांच के लिए 8 हफ्ते का और वक्त दिया है। यानी कोर्ट के अगले आदेश तक डीएनडी टोल फ्री ही रहेगा। दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली सफर करने वालों के लिए ये खबर खुशखबरी है।
जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा टोल मुद्दे पर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के लिए कैग को आठ हफ्तों का वक्त दिया है। बता दें कि सीएजी ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीएजी को 8 हफ्ते का वक्त दिया है। सीएजी को डीएनडी टोल कंपनियों के अकाउंट की रिपोर्ट देनी है। सीएजी को कंपनियों की लागत की भी रिपोर्ट देगी।
सीएजी ने कोर्ट को बताया कि अभी रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है, कुछ वक्त और चाहिए। दरअसल, डीएनडी टोल टैक्स मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीएजी को कंपनी के खातों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सीएजी बताए कि टोल बनाने में कितना खर्च आया और कंपनी अब तक कितना टोल वसूल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने टोल वसूलने पर लगी रोक हटाने से भी इंकार कर दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ टोल ब्रिज कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इलाहाबाद ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि डीएनडी पर टोल की अवैध वसूली हो रही है। कोर्ट ने कहा कि लागत से ज्यादा वसूली हो चुकी है इसलिए इस बंद किया जाए। बता दें कि साल 2001 में डीएनडी पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई थी। इससे पहले इसको बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण और नोएडा टोल ब्रिज कंपनी के बीच समझौता हुआ था। इस समझौते में 20 प्रतिशत मुनाफे समेत कई ऐसे बिंदु हैं जो सीधे तौर पर कंपनी को फायदा पहुंचा रहे हैं। इस समझौते को खत्म कर डीएनडी को टोल फ्री करने के लिए फोनरवा ने 16 नवंबर 2012 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। टोल वसूलने पर भी रोक लगाने की मांग की गई थी।