डेंगू के 100 नए मामले महज बीते एक हफ्ते के दौरान दर्ज किए गए, वहीं, 22 सितंबर तक मलेरिया के 256 और चिकनगुनिया के 68 मामले दर्ज किए गए हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इस सीजन में डेंगू के अब तक 340 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. निगम की तरफ से सोमवार (24 सितंबर) को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से 70 फीसद अकेले सितंबर के महीने में ही दर्ज किए गए हैं. डेंगू के 100 नए मामले महज बीते एक हफ्ते के दौरान दर्ज किए गए. इसमें कहा गया कि इस सीजन में 22 सितंबर तक मलेरिया के 256 और चिकनगुनिया के 68 मामले दर्ज किए गए हैं.
इस साल सामने आए डेंगू के 343 मामलों में से 236 मामले सिर्फ सितंबर के 22 दिनों में ही दर्ज हुए हैं. अगस्त में 58, जुलाई में 19, जून में आठ, मई में 10, अप्रैल में दो, मार्च में एक, फरवरी में तीन और जनवरी में छह मामले दर्ज किये गए थे.
ये भी पढ़ें: कॉमेडियन भारती सिंह को कराया गया हॉस्पिटल में एडमिट
ये हैं लक्षण
- सर्दी लगकर तेज बुखार आना
- सिरदर्द, उल्टी आना
- आंखों में दर्द होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- शरीर, जोड़ों व पेट में दर्द होना
- शरीर में सूजन होना
- त्वचा पर लाल निशान आ जाना
- पेशाब लाल रंग का आना, काले दस्त आना।
- दौरे आना और बेहोशी छा जाना।
कम हो जाता है ब्लड प्रेशर
ब्लड प्रेशर का कम (लो) होना, जिसे डेंगू शॉक सिंड्रोम कहते हैं. इस स्थिति में शरीर के विभिन्न अंगों को सुचारु रूप से रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती.
क्या है इलाज
अगर डेंगू के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. अगर हालत गंभीर हो तो मरीज को अस्पताल में दाखिल करें. डेंगू वायरल इंफेक्शन है. इस रोग में रोगी को कोई भी एंटीबॉयटिक देने की आवश्यकता नहीं है. बुखार के आने पर रोगी को पैरासीटामॉल की टैब्लेट दें. ठंडे पानी की पट्टी माथे पर रखें. रोगी को यदि कहीं से रक्तस्राव हो रहा हो, तभी उसे प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है. डेंगू का बुखार 2 से 7 दिनों तक रहता है. इस दौरान रोगी के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा घटती है। सात दिनों के बाद स्वत: ही प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ने लगती है.
इस रोग में रोगी को तरल पदार्थ का सेवन कराते रहें, जैसे सूप, नींबू पानी और जूस आदि.