मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा सुधार में ऐतिहासिक काम किए हैं. सरकारी स्कूलों को आधुनिक शिक्षा तकनीक तथा आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा गया है.
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नई दिल्ली : काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मॉस्को दौरे के अनुरोध को मंगलवार को मंजूरी दे दी. मनीष सिसोदिया ने चंद घंटे पहले ही शिकायत की थी कि उनके दौरे को मंजूरी नहीं दी जा रही है. सिसोदिया राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा सुधारों पर मॉस्को में बोलेंगे. मॉस्को में विश्व शिक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'आखिरकार केंद्र सरकार ने विश्व शिक्षा सम्मेलन में जाने की मंजूरी दे दी है. यह मांग पिछले 10 दिनों से लंबित थी.' उन्होंने लिखा कि दुनिया के शिक्षा मंत्रियों के सामने भारत के ज्ञान की विरासत को प्रस्तुत करने का उनके पास मौका है.
इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने लिखा था कि उन्हें मॉस्को में विश्व शिक्षा सम्मेलन में शामिल होने का न्योता मिला है, जहां वे दिल्ली की शिक्षा में आए सुधार को दुनिया के सामने रखेंगे. लेकिन दुर्भाग्य है कि केंद्र सरकार उन्हें वहां जाने की मंजूरी नहीं दे रही है. उन्होंने 10 दिन पहले केंद्र से वहां जाने की अनुमति मांगी थी.
Finally, GoI gave permission which was pending since 10 days, for World Edu. Conf.
It would be my privilege to represent India's knowledge legacy in front of world's edu. ministers & help them know- how it can help in making the world a better place to live. https://t.co/v6UlWIUNDV— Manish Sisodia (@msisodia) 28 अगस्त 2018
उन्होंने लिखा कि दिल्ली के शिक्षा सुधार की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं चाहते कि यह बात एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचे. उन्होंने पीएम को संबोधित करते हुए लिखा, 'सर, दिल्ली भी भारत का ही एक हिस्सा है. अगर हमारे स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है तो यह देश के लिए गर्व की बात है.'
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा सुधार में ऐतिहासिक काम किए हैं. सरकारी स्कूलों को आधुनिक शिक्षा तकनीक तथा आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा गया है. अब दिल्ली के सरकारी स्कूल किसी भी बड़े प्राइवेट स्कूल को हर क्षेत्र में मात दे रहे हैं.