पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा
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पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा

मामले में पिछले शुक्रवार को दोषी ठहराए गए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख और तीन अन्य को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया.

राम रहीम रोहतक के सुनारिया जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ जहां वह बलात्कार के एक मामले में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहा है. (फाइल फोटो)

पंचकूला (हरियाणा): पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने करीब 16 वर्ष पहले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को स्वयंभू संत गुरमीत राम रहीम सिंह और तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. मामले में पिछले शुक्रवार को दोषी ठहराए गए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख और तीन अन्य को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया.

सीबीआई के वकील एच पी एस वर्मा ने कहा, 'सभी चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.' उन्होंने कहा कि अदालत ने प्रत्येक सजायाफ्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और निर्मल सिंह तथा कृष्ण लाल को शस्त्र कानून में तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई तथा दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया. वर्मा ने कहा कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के लिए चारों को 11 जनवरी को दोषी ठहराया था. चारों को भादंसं की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत दोषी पाया गया था.

राम रहीम रोहतक के सुनारिया जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ जहां वह बलात्कार के एक मामले में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहा है. तीन अन्य -- निर्मल सिंह, कुलदीप सिंह और कृष्ण लाल अंबाला जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए.

सीबीआई के वकील ने कहा, 'राम रहीम के आजीवन कारावास की सजा बलात्कार मामले में 20 वर्ष जेल की सजा पूरी करने के बाद शुरू होगी.' उन्होंने कहा कि यह सीआरपीसी की धारा 427 के तहत आता है जिसमें अगर कोई व्यक्ति एक सजा काट रहा है तो वह सजा पूरी होने के बाद ही दूसरे सजा की अवधि शुरू होती है.

वर्मा ने कहा कि सीबीआई और बचाव पक्ष के वकील के बीच सजा की अवधि को लेकर करीब डेढ़ घंटे बहस चली और सजा शाम साढ़े छह बजे सुनाई गई.

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हरियाणा के सिरसा में अक्टूबर 2002 में की गई थी. छत्रपति के अखबार में एक अज्ञात पत्र के हवाले से डेरा मुख्यालय में राम रहीम द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न की खबर प्रकाशित की गई थी,जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. मामले में राम रहीम को मुख्य आरोपी बनाया गया था.

छत्रपति के परिवार ने 2003 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की मांग की थी. जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गई, जिसने जुलाई 2007 में आरोपपत्र दायर किया था.

राम रहीम को अगस्त 2017 में पंचकूला अदालत लाया गया था, जहां सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ने बलात्कार मामले में उसे सजा सुनाई थी.

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