गुरुग्राम पुलिस ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा की वजह से 17A के तहत सरकार को लिखा है पत्र.
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गुरुग्राम/नई दिल्ली : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर लैंड डील की जांच की आंच के बीच मौजूदा हरियाणा सरकार आ गई है. गुरुग्राम पुलिस ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा की वजह से 17A के तहत सरकार को लिखा है.
ज़ी न्यूज से बात करते हुए गुरुग्राम पुलिस के कमिश्नर ने बताया कि 'हमने परमिशन के लिए 1 सितंबर को सरकार से जांच करने के लिए अनुमति मांगी है. जैसे ही अनुमति मिल जाएगी, हम जांच शुरू कर देंगे. क्योंकि 26 जुलाई को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में संशोधन हुआ थी. जिसके बाद अब इस धारा के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद पहले सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है.'
There's no scam. It's being done due to political malice.There was no wrong doing during our regime.Had this been the case, we wouldn't have been spared so far. It's result of govt's frustration: BS Hooda,Congress on FIR against Robert Vadra&him in alleged Gurugram land grab case pic.twitter.com/b4K2EPDzqS
— ANI (@ANI) September 4, 2018
जमीन सौदे में अपना नाम आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को सफाई दी है. उन्होंने कहा 'कहीं कोई घोटाला नहीं हुआ है. यह सब राजनीतिक दुर्भावना के कारण किया गया है. हमारी सरकार के समय कुछ भी गलत नहीं हुआ है. यह सिर्फ सरकार की भड़ास है.'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा 'मामले के शिकायत एक व्यक्ति की ओर से की गई. अगर आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप दोषी हो. अगर इस मामले में कुछ भी निकले तो सरकार एफआईआर दर्ज कर सकती है.' उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ऐसा कर रही है.
Complaint was by a pvt person.If there's FIR against you,it doesn't make you accused.Had there been any substance in it,govt would've filed an FIR.They're doing this to distract people from their failures:BS Hooda on FIR against Robert Vadra&him in alleged Gurugram land grab case pic.twitter.com/VL6UM1OdkD
— ANI (@ANI) September 4, 2018
दरअसल पिछले साल 26 जुलाई को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में संशोधन हुआ था. अब प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद सरकार से 17A के तहत अनुमति लेनी होती है. जांच करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. सीपी गुरुग्राम ने हरियाणा डीजीपी को लिखा है 'हमें मामले में जांच करने के लिए सरकार से अनुमति दिलाएं. डीजीपी ने अनुमति के लिए लिखा गया पत्र हरियाणा सरकार के गृह विभाग को भेजा है. वहां से अनुमति मिलने के बाद ही जांच को आगे बढ़ाया जा सकता है.