छात्राओं से टीचर कहता था 'किन ख्यालों में खोई हो...', हाईकोर्ट ने किया बरी
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छात्राओं से टीचर कहता था 'किन ख्यालों में खोई हो...', हाईकोर्ट ने किया बरी

हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश देते हुए कहा कि टीचर के खिलाफ हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा की गई कार्रवाई गलत है.

जांच कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि टीचर पर लगे आरोप साबित नहीं होते हैं.

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के एक स्कूल टीचर को छात्राओं से छेड़खानी करने के एक मामले में दोषमुक्त कर दिया है. दरअसल, छात्राओं ने टीचर पर आरोप लगाया था कि वह उन्हें 'किन ख्यालों में खोई हो...' कह कर छेड़ता था. 11 साल पुराने इस मामले में 9, फरवरी 2007 को हरियाणा शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए टीचर को निलंबित कर दिया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश देते हुए कहा कि टीचर के खिलाफ हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा की गई कार्रवाई गलत है. मामले में टीचर पर लगाए गए दोष साबित नहीं होते हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि टीचर को निलंबन के दिन से आज तक का वेतन और वे सभी भत्ते जो एक टीचर को दिए जाते हैं, उसे प्रदान किए जाएं. साथ ही हाईकोर्ट ने टीचर का निलंबन खत्म करने के भी आदेश जारी किए. 

क्या था मामला
दरअसल, हरियाणा के एक टीचर पर छात्राओं ने क्लास के दौरान अजीब टिप्पणियां करने के लेकर छेड़खानी करने का आरोप लगाया था. छात्राओं के परिजनों ने स्कूल प्रशासन को टीचर की इस हरकत के लिए लिखित शिकायत की थी. टीचर के खिलाफ की गई परिजनों की शिकायत में कहा गया था कि वह क्लास में छात्राओं को 'किन ख्यालों में खोई हुई हो...' कहकर छेड़ता था. इस शिकायत के मिलने पर टीचर को हरियाणा शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया था. 

मेरी छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की कोई मंशा नहीं थी- टीचर
शिक्षा विभाग ने निलंबन के आदेश जारी करते हुए कहा था कि टीचर कक्षा में छात्राओं के साथ सही व्यवहार नहीं करता था. आदेश में कह गया था कि टीचर पढ़ाने के दौरान छात्राओं के साथ असभ्य भाषा का प्रयोग करता था. शिक्षा विभाग के इस आदेश पर टीचर ने जवाब दिया था कि छात्राओं ने उसके द्वारा कहे गए शब्दों को गलत तरीके से लिया है. छात्राओं से ऐसे बात करने के पीछे उसकी ऐसी कोई भी मंशा नहीं थी. छात्राओं ने उसकी कही बातों का गलत अर्थ निकाला है. 

टीचर पर लगे आरोप साबित नहीं होते- जांच कमिटी
हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग टीचर के जवाब से संतुष्ट नहीं था. शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच के लिए एक जांच कमिटी भी गठित की थी. कमिटी ने सितंबर 2007 में विभाग को दी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि टीचर पर लगे आरोप साबित नहीं होते हैं. फिलहाल, हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब हरियाणा शिक्षा विभाग ने इस मामले में टीचर का निलंबन वापस ले लिया है.

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